भोपाल । मरीज के लंग्स की बीमारी को जल्द सॉफ्टवेयर ही पकड़ सकेगा। वह बीमारी के बारे में बताएगा, इसका फायदा ये होगा कि समय पर मरीज को सही इलाज मिल सकेगा। दरअसल, इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रहा है।
कोशिश ये है कि भविष्य में सॉफ्टवेयर ही बीमारी के बारे में बता दे। इसके लिए देशभर से मरीजों के डिजिटल एक्स-रे जुटाए जा रहे हैं, जो कि सॉफ्टवेयर के पोर्टल पर अपलोड होंगे, इन एक्स-रे की सहायता से डाटा मिलेगा, जो बीमारी की पहचान में मददगार रहेगा। आईसीएमआर ने इस रिसर्च के लिए देश के मेडिकल इंस्टीट्यूट्स को एक्स-रे जुटाने की जिम्मेदारी देना शुरू कर दी है। देशभर के 16 शहरों में रिसर्च की जाएगी।
18 महीने तक चलने वाली इस रिसर्च में सभी मेडिकल कॉलेज से 60 हजार से ज्यादा चेस्ट एक्स-रे जुटाए जाएंगे। ये एक्स-रे सिर्फ डिजिटिल होंगे। इनमें सभी तरह की बीमारियों को शामिल किया गया है। एक्स-रे अपलोड करने के साथ ही बीमारी सहित अन्य जानकारी को भी अपलोड किया जाएगा। ये सभी एक्स-रे एक डाटाबेस की तरह होंगे, जो सॉफ्टवेयर को तैयार करने में मददगार रहेंगे।
भोपाल एम्स से जुटाएंगे डाटा
16 मेडिकल इंस्टीट्यूट में रिसर्च होगी। इनमें 5 आईसीएमआर के इंस्टीट्यूट रहेंगे, वहीं 11 नॉन आईसीएमआर इंस्टीट्यूट होंगे। मुंबई, अहमदाबाद, भुवनेश्वर, चेन्नई, जोधपुर, दिल्ली, कटक, बैंगलुरु, हैदराबाद, दिल्ली, लखनऊ, वार्धा से एक्स-रे जुटाए जाएंगे। मप्र के रतलाम मेडिकल कॉलेज और भोपाल एम्स से डाटा जुटाए जाएंगे।
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