पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी मंत्रिमंडल में मंत्रियों काे शपथ दिलाई जा रही है। अभी मनप्रीत सिंह बादल, ब्रह्म मोहिंद्रा, राणा गुरजीत सिंह सोढ़ी और तृप्त राजिंदर सिंह बाजपा न शपथ ली है। अरुणा चौधरी ने भी मंत्री पद की शपथ ली। सुखविंदर सिंह सरकारिया ने मंत्री पद की शपथ ली। ये सभी कैप्टन अमरिंदर की सरकार में भी मंत्री थे। रजिय सुल्ताना और विजय इंदर सिंगला ने मंत्री पद की शपथ ली।
शपथ लेने वाले 15 नए मंत्रियों की सूची से कुलजीत सिंह नागरा का नाम कट गया है। उनकी जगह रणदीप सिंह नाभा उर्फ काका रणदीप सिंह को मंत्री बनाए जा रहा है। समारोह में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत और कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक हरीश चौधरी भी पहुंचे हैं।
विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में इस्तीफा दे चुका हूं, इसलिए मंत्री पद लेने से खुद इन्कार किया। राज्य के 15 नए मंत्रियों को शपथ ग्रहण राजभवन में आयोजित किया जा रहा है। मंत्रियों को राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। इसके साथ ही राज्य की नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 18 हो जाएगी। अभी कैबिनेट में तीन सदस्य मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और उपमुख्यमंत्री ओपी सोनी हैं
नए मंत्रियों को राजभवन में राज्यपाल दिलाए रहे हैं शपथ
बताया जाता है कि पंजाब कांग्रेस में कुलजीत सिंह नागरा के नाम पर विवाद हो गया। इसके बाद नए मंत्रियों के शपथ लेने से पहले सूची में बदला कर दिया गया। कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की सूची से कुलजीत नागरा के नाम काट दिए जाने की खबर है। उनकी जगह पर विधायक काका रणदीप सिंह मंत्री बन सकते हैं । नागरा पंजाब कांग्रेस के कार्यकारी प्रधान हैं।
फतेहगढ़ साहिब जिले के अमलोह क्षेत्र से विधायक हैं। इनके दादा जनरल शिवदेव सिंह सेहत मंत्री थे। पिता गुरदर्शन सिंह चार बार विधायक और दो बार मंत्री बने। माता सतिंदर कौर पंजाब महिला कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष रहे। खुद दो बार नाभा और दो बार अमलोह से विधायक चुने गए।
दरअसल माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब की नई कैबिनेट के माध्यम से राज्य कांग्रेस को पूरी तरह अपने कंट्रोल लेने के साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित अन्य नेताओं के प्रभाव को बेअसर करने के लिए सियासी बिसात बिछाई है। बता दें कि करीब छह दिन की माथा पच्ची के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के मंत्रिमंडल की तस्वीर साफ हुई थी। कैबिनेट में कैप्टन के खास रहे पांच पूर्व मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई और सात नए चेहरों को जगह दी गई है। इनमें राहुल गांधी या हाईकमान के करीबियों की संख्या ज्यादा है। वहीं, कैप्टन की कैबिनेट में शामिल रहे आठ पूर्व मंत्रियों पर चन्नी ने फिर से भरोसा जताया है। हाईकमान ने मंत्रिमंडल गठन का कंट्रोल काफी हद तक अपने हाथ में ही रखा।
दिल्ली से तार जोड़े रखने वालों को मिली मंत्रिमंडल में प्राथमिकता
कैप्टन अमरिंदर सिंह के हटने के बाद यह माना जा रहा था कि सरकार और संगठन में पूरी तरह से पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू हावी हो जाएंगे, लेकिन मंत्रिमंडल के गठन और इस पर अंतिम मुहर लगने तक हाईकमान ने अपने हिसाब से नई बिसात बिछाई। दरअसल नई कैबिनेट में दिल्ली दरबार खासकर राहुल गांधी के करीबी नेताओं को प्राथमिकता दी गई है।
बता दें कि 72 घंटे में मुख्यमंत्री के तीन दिल्ली दौरे इस बात का संकेत है कि राहुल गांधी समेत पूरे हाईकमान ने कैबिनेट में खूब माथापच्ची की। अंतिम सूची में कई नाम ऐसे हैं, जिनके जरिए हाईकमान ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि सिर्फ चन्नी और सिद्धू की ही नहीं चलेगी। अपने करीबियों को भी राहुल ने मंत्रिमंडल में उचित स्थान दिलाया है।
पांच की छुट्टी, सात की न्यू एंट्री, आठ पर चन्नी का भरोसा कायम
कैबिनेट के गठन में सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व देने का प्रयास किया गया है। इनमें नौ जट्ट सिख, तीन अनुसूचित जाति, चार हिंदू, एक पिछड़ा वर्ग और एक अल्पसंख्यक वर्ग से रखा गया है। कैबिनेट में हर आयु वर्ग का भी ख्याल रखा गया है। ब्रह्म मोहिंदरा जैसे सीनियर विधायक को मंत्रिमंडल में लिया गया है। वहीं, भारत भूषण आशु और विजय इंदर सिंगला जैसे पहली बार बने विधायकों को भी जगह दी गई है। युवा कांग्रेस में सेवाएं देने वाले चार नेता विजय इंदर सिंगला, अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और गुरकीरत कोटली भी कैबिनेट का हिस्सा बने हैं।
कैबिनेट इस प्रकार रहेगी
-मुख्यमंत्री: चरणजीत सिंह चन्नी
-उपमुख्यमंत्री: सुखजिंदर सिंह रंधावा
-उपमुख्यमंत्री: ओपी सोनी
- ब्रह्म मोहिंदरा
-मनप्रीत सिंह बादल
-तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा
-सुखबिंदर सिंह सरकारिया
-अरुणा चौधरी
-रजिया सुल्ताना
-विजय इंदर सिंगला
-भारत भूषण आशु
- डा. राजकुमार वेरका
-संगत सिंह गिलजियां
-अमरिंदर सिंह राजा वडि़ंग
-परगट सिंह
- काका रणदीप सिंह।
-गुरप्रीत कोटली
-राणा गुरजीत।