मानसून के मौसम में मौसमी बीमारियों के साथ डेंगू बुखार का प्रकोप बढ़ जाता है। देश के अधिकांश हिस्सों में इन दिनों डेंगू तेजी से फैल रहा है। डेंगू बुखार एडीज मच्छर के काटने से होता है और मरीज में तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द, थकान, सांस फूलना, उल्टी और मतली जैसी समस्या हो सकती है। डेंगू बुखार से बचने का महत्वपूर्ण तरीका है कि मच्छरों को घरों के आसपास पनपने का मौका नहीं दें और मच्छरों के काटने से बचें। इसके अलावा मानसून सीजन में अपने खानपान व जीवनशैली में भी बदलाव करना चाहिए। मानसून सीजन में शरीर की इम्यूनिटी काफी कमजोर हो जाती है, इसलिए अपने खानपान में ऐसी चीजों का सेवन ज्यादा करना चाहिए, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी हो। इसके अलावा यदि आप डेंगू बुखार से पीड़ित भी हो गए हैं तो ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं हैं, यदि आप इन टिप्स को फॉलो करेंगे तो जल्द रिकवर कर सकते हैं –
ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं
डेंगू से पीड़ित मरीज को दिनभर में कम से कम 3-4 लीटर पीना चाहिए। फलों का ज्यूस लेना भी फायदेमंद होता है। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ जैसे छाछ, नारियल पानी, चूने का पानी, सौंफ का पानी का सेवन करना चाहिए।
इन फलों का करें ज्यादा सेवन
खट्टे फल जैसे आंवला, कीवी, संतरा और अनानास खाएं। साथ ही अनार और पपीता भी फायदेमंद होता है। सब्जी का सूप लेना नहीं भूलना चाहिए। इसके अलावा घर का हल्का खाना जैसे खिचड़ी और मूंग-दाल का सूप लेना चाहिए।
गेहूं की रोटियां खाने से बचें
डेंगू के मरीजों को गेहूं की रोटियां खाने से बचना चाहिए। ज्वार की रोटी पाचन के लिए आसान होती है इसलिए इसका सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा प्रोसेस्ड और फास्ट फूड बिल्कुल नहीं खाना चाहिए। ज्यादा मीठा खाने से भी बचना चाहिए।
पपीते की पत्ती का रस दो तीन बार पीएं
डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स में कमी ज्यादा देखी जाती है। इसमें सुधार के लिए मरीजों को पपीते के पत्ती का रस दिन में दो या तीन बार लेना चाहिए। हर डोज में मरीजों को 20 मिली के आसपास पपीते की पत्ती का रस पीना चाहिए। यह स्वाद में थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन प्लेटलेट्स रिकवर करने में तेजी से काम करता है। इसके अलावा आंवला और व्हीटग्रास जूस के साथ गिलोय का रस भी रोगी की प्रतिरोधक क्षमता और प्लेटलेट्स में सुधार करने में मदद करता है।