दिल्ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक की. बैठक में तय हुआ कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर जिलों में रिंग रोड का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) करेगा. इसके लिए प्रदेश सरकार जमीन उपलब्ध कराएगी. यह प्रोजेक्ट 1 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही नर्मदा एक्सप्रेस-वे को भारतमाला प्रोजेक्ट में शामिल करने की सहमति बनी.
सीएम शिवराज ने बताया कि चंबल अंचल में बनने वाले अटल एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल क्लस्टर निर्माण को लेकर चर्चा हुई. इसके साथ ही भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में रिंग रोड निर्माण पर केंद्र से सहमति बनी है. प्रदेश के इन तीनों शहरों में रिंग रोड का निर्माण इंदौर के सुपर कॉरिडोर की तर्ज पर किया जाएगा, ताकि रिंग रोड के दोनों तरफ औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो सके.
1 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स घोषणा
16 सितंबर को नितिन गडकरी इंदौर दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने 9,577 करोड़ रुपए लागत की 1,356 किलोमीटर लंबी 34 सड़क प्रोजेक्ट का लोकार्पण और शिलान्यास किया था. उन्होंने मध्यप्रदेश में 1 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स की घोषणा की थी. उन्होंने बुधनी से जुड़े तीन नेशनल हाईवे को भी मंजूरी दी थी.
इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा था कि केंद्र सरकार के सहयोग से हम प्रदेश को देश का लॉजिस्टिक कैपिटल बनाएंगे. बुधनी विधानसभा क्षेत्र तीन राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच है. यदि तीनों को जोड़ा जाए तो 92 किमी सड़क की जरूरत होगी. उन्होंने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि इस मार्ग को भी राष्ट्रीय राजमार्ग में जोड़ने की स्वीकृति प्रदान करें. सीएम शिवराज के कहने पर नितिन गडकरी ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी.
10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट होंगे शुरू
मध्य प्रदेश में इस साल 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू होंगे. एमपी सरकार की ओर से मुख्य सचिव इकबाल सिंह चौहान ने बैठक में कहा कि ये प्रोजेक्ट अगले दो वित्तीय वर्षों में पूरे किए जाएंगे. इस पर गडकरी ने कहा कि ये प्रोजेक्ट इसी साल शुरू किए जाएं. उन्होंने सेंट्रल रोड फंड से मध्यप्रदेश को 1500 करोड़ रुपए इसी सप्ताह रिलीज करने की स्वीकृति भी दी.
शिवराज ने बीजेपी अध्यक्ष नड्डा से की मुलाकात
मुख्यमंत्री शिवराज ने दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मुलाकात की. इस दौरान मध्यप्रदेश में सरकार के कामकाज को लेकर चर्चा हुई. बताया जाता है कि शिवराज ने चार दिन पहले नड्डा से मुलाकात करने का समय मांगा था. दोनों नेताओं के बीच सरकार और संगठन को लेकर चर्चा हुई है.