भोपाल. मध्य प्रदेश अब हवा, सूरज और पानी से पैदा हुई बिजली से रोशन होगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह के साथ हुई मुलाकात में यह तय हो गया है. इसके साथ ही खास बात ये भी है कि सूरज से मिलने वाली बिजली आम लोगों की जेब पर भारी नहीं पड़ेगी. दिल्ली दौरे पर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस मुलाकात के बाद बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने बिजली के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन करने का फैसला किया है. इसलिए आधुनिक तकनीक और नये तरीकों से बिजली के क्षेत्र को मजबूत किया जाएगा. इसमें 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत बिजली कंपनी को पैसा लगाना होगा.सीएम शिवराज सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश इस योजना से सहमत है इसलिए केंद्रीय मंत्री से मुलाकात के बाद राज्य में बिजली व्यवस्था मजबूत करने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा एमपी में सूरज 300 दिन चमकता है. इसलिए हम तेजी से सोलर एनर्जी की तरफ बढ़ रहे हैं. रीवा मे 750 मेगा वॉट का प्लांट लगाया गया है. उससे दिल्ली मेट्रो तक को बिजली आपूर्ति की जा रही है. अब नीमच और आगर मालवा में लगाए गए प्लांट से उपभोक्ताओं को बिजली 2 रुपये 14 पैसे यूनिट की दर से मिलेगी. इसके अलावा ओंकारेश्वर में फ्लोटिंग प्लांट लगा रहे हैं. यानि पानी की सतह पर सोलर पैनल बिछाकर बिजली का उत्पादन होगा. छतरपुर, मुरैना में भी सोलर प्लांट पर सरकार तेजी से काम कर रही है.
किसानों के लिए प्लान
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसान खेत में सोलर एनर्जी से बिजली ले इस पर भी काम तेजी से होगा. साथ ही ज्यादा बिजली की पैदावार होने पर स्टोर भी कर सकेंगे. उत्पादन की क्षमता भी 650 मेगा वॉट लगातार बढ़ती रहेगी. राज्य में बिजली की कमी को नकारते हुए शिवराज सिंह ने कहा प्रदेश में बिजली की कहीं कोई कमी नहीं है. सिर्फ 3 से 4 दिन के लिए प्रदेश में ये स्थिति बनी थी. कोयला की आपूर्ति नहीं हो रही थी और नर्मदा तथा इंद्रा सागर, सरदार सरोवर डैम खाली पड़े थे. बारिश एक हिस्से में ज्यादा हुई एक में कम. इस वजह से पानी से बिजली नहीं बन पायी और दिक्कत पैदा हो गयी. लेकिन बाहर से बिजली लाकर इस कमी को दूर कर दिया गया.