दतिया।
इंदरगढ़ में एक गर्भवती महिला टिटनेस का टीका लगवाने पहुंची थी, लेकिन स्टाफ ने उसे काेराेना का टीका लगा दिया। जबकि महिला काे पहले ही दाेनाें डाेज लग चुकी थी। जब महिला की तबियत बिगड़ी ताे स्वास्थ्य विभाग में हडकंप मच गया। आक्राेशित परिजनाें ने भी स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ काे जमकर खरीखाेटी सुनाई। दिलचस्प बात यह है कि स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियाें की गलती मानने की जगह महिला की ही गलती बताई जा रही है।
गर्भवती महिला शिवानी साहू के मुताबिक वह गर्भावस्था के दाैरान तीन माह में लगने वाला टिटनेस का टीका लगवाने के लिए गई थी। गर्भवती महिलाओं काे लगाए जाने वाले टीके एवं काेराेना वैक्सीनेेेशन का काम एक ही कमरे में चल रहा था। गर्भवती महिला ने दाे तीन बार बताया भी कि गर्भावस्था के तीसरे माह में लगने वाला टीका लगना है, लेकिन किसी ने उसकी बात काे नहीं सुना और काेराेना वैक्सीन की तीसरी डाेज महिला काे लगा दी गई। इसके बाद जब महिला घर पहुंची ताे उसे चक्कर, उल्टी दस्त की शिकायत शुरू हाेे गई। साथ ही पेट में भी दर्द हाेने लगा। वहीं महिला की सास रश्मि साहू का कहना है कि उनकी बहू की तबियत के बारे में भी अभी तक किसी डाक्टर ने संपर्क करने की भी कोशिश नहीं की है। ऐसे में उनका पूरा परिवार चिंतित है। वहीं इंदरगढ़ स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ वीर सिंह इस पूरे मामले में संबंधित महिला को ही दोषी ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि गर्भवती महिला ने स्वयं ही टीकाकरण कर रहे स्टाफ को आकर बोला था कि उसे कोविड का टीका लगना है। इधर जिले के टीकाकरण अधिकारी डीके सोनी ने बताया कि गर्भवती को तीसरा डोज लग जाने को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों से बात की गई है। उनके मुताबिक इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है। वैसे भी स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को तीसरा टीका बूस्टर डोज लगाने की तैयारी कर रहा है।
दाेनाें टीके पहले ही लग चुके हैंः इंदरगढ़ वार्ड 4 निवासी गर्भवती महिला शिवानी साहू को 10 अगस्त और 14 सितंबर को कोवैक्सीन के टीके निर्धारित अवधि में लगाए जा चुके थे। स्टाफ ने यदि महिला का आधार कार्ड रजिस्टर्ड करके सर्च किया हाेता ताे शायद इसकी जानकारी भी लग जाती, लेकिन आंकड़े बढ़ाने के चक्कर में महिला काे तीसरा टीका लगा दिया गया। इसके बाद स्टाफ ने जब गर्भवती महिला से 28 दिन बाद आने की बात कही तो महिला चौंक गई। उसने पूछा कि क्या कोरोना का टीका लगा दिया तो स्टाफ नर्स ने जबाब हां में दिया। यह सुनकर महिला और उसकी सास घबरा गए और उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत भी की। जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में आया तो विभाग में अफरा-तफरी मच गई। महिला को समझाया गया कि उसे कुछ नहीं होगा और उसकी तबियत को लेकर अस्पताल स्टाफ लगातार निगरानी रखेगा। घर जाते ही महिला की तबियत खराब हो गई। शिवानी के मुताबिक उसे तीसरा डोज लगने के बाद चक्कर, घबराहट, उल्टी और दस्त की शिकायत हो गई है।
गर्भस्थ शिशु पर नहीं पड़ेगा कोई प्रभाव, मामले की होगी जांचः जिला टीकाकरण अधिकारी डा. डीके सोनी ने बताया कि इंदरगढ़ में गर्भवती महिला को वैक्सीन का तीसरा डोज लगा दिया गया है। वह एक एएनएम द्वारा लगाया गया है। वह रूटीन ड्यूटी कर रही थी। टिटनेस का टीकाकरण करने वाली नर्स उस दौरान कहीं गई हुई थी। गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण तथा कोरोना का टीकाकरण एक ही स्थान पर हो रहा था। इस कारण यह त्रुटि हुई है। इस संबंध में मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। हालांकि कोरोना का टीकाकरण के दौरान यदि गर्भवती महिला को तीसरा डोज लग जाता है, तो उसे और गर्भस्थ शिशु को कोई भी परेशानी नहीं होती है। स्वास्थ्य विभाग अब वैसे भी गर्भवती महिलाओं को तीसरा टीका बूस्टर डोज लगाने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों से भी बात की गई है। गर्भस्थ शिशु पर इसका काेई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।