प्रयागराज : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि का शव उनके बाघम्बरी मठ आश्रम में फांसी के फंदे से लटका मिला है.उधर, मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने बयान जारी किया है. एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरि का शव बाघम्बरी मठ आश्रम के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला है. शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा. उनके कमरे से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में मानसिक रूप से परेशानी का जिक्र है. सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर उन्हें परेशान करने का आरोप है. फॉरेंसिक टीम घटना स्थल की जांच कर रही है. इस मामले में हरिद्वार पुलिस ने एक्शन लेते हुए आनंद गिरि को उनके गाजी वाली में स्थित आश्रम में बंद कर दिया है. थाना श्यामपुर पुलिस द्वारा उनके आश्रम में पूछताछ की जा रही है.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के शव के पास से लगभग 6-7 पन्नों का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरी का जिक्र है. सुसाइड नोट के मुताबिक शिष्य पर प्रताड़ना का आरोप है. सुसाइड नोट में दो अन्य लेटे हुए हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी ओर बेटे को हिरासत में लिया गया है.
महंत नरेंद्र गिरि की मौत की सूचना मिलने के बाद यूपी पुलिस और एटीएस की टीम मौके पर पहुंची और मठ के लोगों से पूछताछ कर रही है. आईजी, डीआईजी मौके पर मौजूद हैं. पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया ये आत्महत्या का मामला लग रहा है. वहीं, राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने इसे साजिश बताया है.
इस मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने बयान जारी किया है. एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक, महंत नरेंद्र गिरि का शव बाघम्बरी मठ आश्रम के कमरे में फंदे से लटका हुआ मिला है. शिष्यों ने दरवाजा तोड़कर शव को नीचे उतारा. उनके कमरे से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में मानसिक रूप से परेशानी का जिक्र है. सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पर उन्हें परेशान करने का आरोप है. फॉरेंसिक टीम घटना स्थल की जांच कर रही है.
वहीं, इस मामले में हरिद्वार पुलिस ने एक्शन लेते हुए आनंद गिरि को उनके गाजी वाली में स्थित आश्रम में नजरबंद कर दिया था. वहीं आनंद गिरि से पूछताछ के लिए यूपी पुलिस हरिद्वार पहुंची है. कानूनी कार्रवाई के बाद उत्तराखंड पुलिस आनंद गिरि को यूपी पुलिस के हवाले करेगी. जिसके बाद यूपी पुलिस आनंद गिरि को पूछताछ के लिए उत्तर प्रदेश ले जाएगी.
शिष्य आनंद गिरि ने बताया साजिश
वहीं अब इस मामले में हरिद्वार से आनंद गिरि का भी बयान है. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया है. उन्होंने इसे साजिश करार दिया है. हरिद्वार के गाजी वाली स्थित आश्रम में आनंद गिरि ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत की खबर से वे काफी आहत हैं. गुरु नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते हैं. जरूर यह किसी की साजिश है. पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
आनंद गिरि ने तो यहां तक कहा है कि नरेंद्र गिरि को मारकर उनको फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने प्रदेश सरकार से हाथ जोड़कर निष्पक्ष जांच की मांग की है. ताकि सच सामने आ सके और दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
आनंद गिरि ने कहा कि नरेंद्र गिरि आत्महत्या नहीं कर सकते है, वे बहुत ही साहसिक व्यक्ति थे. वे मरे हैं, उसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र है. सुसाइड नोट में जिस तरह से आनंद गिरि का नाम सामने आ रहा है. इस बारे में आनंद गिरि की उनका नाम सामने आने का कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता है. वे हरिद्वार में नरेंद्र गिरि से काफी दूर बैठे हुए हैं. महीनों से उनकी नरेंद्र गिरि से कोई मुलाकात नहीं हुई है. आनंद गिरि ने दावा किया है कि काफी समय से उनकी नरेंद्र गिरि से कोई बात नहीं हुई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने जताया दुख
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन को अपूरणीय क्षति बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी का ब्रह्मलीन होना आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा शोकाकुल अनुयायियों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.
सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक जताया और इसे अपूरणीय क्षति बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष पूज्य नरेंद्र गिरि जी का निधन, अपूरणीय क्षति! ईश्वर पुण्य आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान व उनके अनुयायियों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. भावभीनी श्रद्धांजलि.
बता दें, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने बेकाक बयानों के लिए जाने जाते थे. इसके साथ ही वो राम मंदिर आंदोलन से जुड़े हुए थे और उन्होंने मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी. महंत नरेंद्र गिरि को अक्टूबर 2019 में हुई 13 अखाड़ों की बैठक में दोबारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था. हरिद्वार में हुए कुंभ में महंत नरेंद्र गिरि कोरोना संक्रमित भी हो गए थे.
महंत आनंद गिरि ने लगाए थे सनसनीखेज आरोप
कुछ दिन पहले ही महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य महंत आनंद गिरि ने उनके ऊपर अखाड़ा और मठ की जमीन को बेचने का सनसनीखेज आरोप लगाया था. आनंद गिरि को महंत नरेंद्र गिरि का सबसे प्रिय शिष्य माना कहा जाता था. महंत आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि पर ये आरोप अखाड़ा और बाघम्बरी मठ से निकाले जाने के बाद लगाए थे. आनंद गिरि ने इस मामले में अपनी जान का खतरा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के साथ ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर जांच की मांग की थी.
इसके साथ ही उन्होंने अपनी सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी. इसके बाद महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि के आरोपों को बेबुनियाद बताया था. महंत नरेंद्र गिरि का कहना था कि आनंद गिरि यह सब सुरक्षा पाने के लिए कर रहा है.
पत्र के जरिये महंत नरेंद्र गिरि पर साल 2005 में सबसे पहले जमीन बेचने का आरोप लगाया और उसके बाद 2012 में मठ की जमीन को 40 करोड़ रुपये में बेचने का आरोप लगाया था. साथ ही यह भी बताया कि साल 2018 में महंत नरेद्र गिरि ने मठ की 80-120 वर्ग गज जमीन उसके नाम लीज पर कर दी और उस पर पेट्रोल पंप खुलवाने की बात कही थी. लेकिन, 2020 में महंत नरेंद्र गिरि ने लीज कैंसिल कर जमीन वापस देने की बात कही, जिसका उन्होंने विरोध किया. नरेंद्र गिरि ने कहा कि वो शौक पूरा करने के लिये अपने करीबियों पर पैसे लुटाते थे.
इसी वजह से आश्रम के कुछ खास शिष्यों और अपने गनर के नाम पर करोड़ों की संपत्ति जमा कराई थी. हालांकि इस मामले में बाद में आनंद गिरि ने बाद में अपने गुरु मंहत नरेंद्र गिरि से माफी मांग ली थी. जिसके बाद ये विवाद खत्म हो गया था.
अपने बयानों से चर्चा में थे महंत नरेंद्र गिरि
गौरतलब है कि जुलाई, 2021 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि सभी भारतीयों का डीएनए समान है. भागवत ने कहा था, ‘गाय’ एक पवित्र जानवर है लेकिन जो लोग लिंचिंग में लिप्त हैं, वे हिंदुत्व के खिलाफ हैं.’
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी भागवत के इस बयान का समर्थन किया था. नरेंद्र गिरि ने कहा था, ‘यह सच है कि देश में रहने वाले हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमानों और ईसाइयों का डीएनए समान है. कुछ लोगों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया और लालच या दबाव में इस्लाम और ईसाई धर्म अपना लिया। सभी के पूर्वज भारत में रहने वाले मुसलमान और ईसाई पहले हिंदू थे.’
गिरि ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर भागवत की टिप्पणी का भी समर्थन किया था. उन्होंने कहा था, ‘मॉब लिंचिंग की घटनाओं को किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता. गाय हमारी मां है और हमेशा रहेगी. लेकिन इसके बावजूद गोहत्या के नाम पर मॉब लिंचिंग को जायज नहीं ठहराया जा सकता.’
बकौल महंत नरेंद्र गिरि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद देश में रह रहे ईसाइयों और मुसलमानों को हिंदुत्व की विचारधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहा है.
यूनीफॉर्म सिविल कोड की मांग
अगस्त, 2020 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने देश में बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए समान नागरिक संहिता (यूनीफॉर्म सिविल कोड) लाने की मांग की थी. परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए दो बच्चों वाली नीति लागू की जाए. उन्होंने कहा कि एक समुदाय देश में अल्पसंख्यक समुदाय बना हुआ है लेकिन बहुसंख्यक समुदाय को सता रहा है.
जुलाई, 2020 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बाद साधु संतों की संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काशी और मथुरा को भी मुक्त कराने का एलान किया था. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की श्री मठ बाघम्बरी गद्दी में हुई आपात बैठक के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने बताया था कि आम सहमति न बनने पर संवैधानिक तरीके से कोर्ट के माध्यम से कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी.
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सक्षम सरकार है और राज्य में मुस्लिम बहुल इलाकों में रहने वाले हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है.