नई दिल्ली । कोरोना से थोड़ी राहत के बाद अब देश डेंगू के कहर से जूझ रहा है। केंद्र सरकार ने 11 राज्यों में डेंगू के सीरोटाइप-2 मामलों की उभरती चुनौती पर एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें डेंगू के बढ़ते मामलों के प्रवाह को रोकने के लिए अलग-अलग सुझाव दिए गए हैं। सीरोटाइप-2 डेंगू के मामलों की रिपोर्ट करने वाले राज्य आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, केरल, एमपी, यूपी, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और तेलंगाना हैं। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शनिवार को कहा कि राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश कोविड-19 स्थिति का गहन आकलन करने के साथ ही हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजूबत करें। गौबा ने साथ ही राज्यों को निर्देश दिया कि आवश्यक दवाओं का भंडार रखें और मानव संसाधन में वृद्धि करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आत्मसंतोष के लिए कोई जगह नहीं है।
गौबा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोविड प्रबंधन और रणनीति की समीक्षा करने के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गौबा ने राज्यों से कहा कि आत्मसंतोष के लिए कोई जगह नहीं है और कोविड उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन किए जाने की आवश्यकता है। अन्य देशों में कोविड-19 के कई बार चरम पर पहुंचने संबंधी उदाहरण देते हुए गौबा ने देश के कुछ हिस्सों में उच्च संक्रमण दर पर चिंता जताई। उन्होंने महामारी के मामलों में किसी भी संभावित वृद्धि से निटपने के लिए राज्यों के स्वास्थ्य प्रशासकों से जल्द से जल्द कोविड ग्राफ का विश्लेषण करने, स्वास्थ्य अवसंरचनाओं को मजबूत बनाने, आवश्यक दवाओं का भंडार रखने और मानव संसाधन बढ़ाने को कहा।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने 11 राज्यों में सीरोटाइप-2 डेंगू संबंधी चुनौती को रेखांकित किया, जो बीमारी के अन्य स्वरूपों के मुकाबले अधिक मामलों और जटिलताओं वाला स्वरूप है। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्यों को मामलों का शुरू में ही पता लगाने, बुखार हेल्पलाइन स्थापित करने, पर्याप्त मात्रा में जांच किट, लार्वानाशक और दवाओं का भंडार रखने तथा त्वरित जांच के लिए टीमों की तैनाती करने जैसे कदम उठाए जाने चाहिए। भूषण ने यह सुझाव भी दिया कि बुखार सर्वेक्षण, संपर्कों का पता लगाने, रोगवाहकों पर नियंत्रण, रक्त और रक्त तत्वों, खासकर प्लेटलेट का पर्याप्त भंडार बनाए रखने के लिए रक्त बैंकों को तैयार रखने जैसी आवश्यक जनस्वास्थ्य कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा कि 15 राज्यों के 70 जिलों में स्थिति चिंता का कारण है तथा इनमें से 34 जिलों में संक्रमण दर 10 प्रतिशत से अधिक तथा 36 जिलों में संक्रमण दर 5-10 प्रतिशत है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आगामी त्योहारों को देखते हुए राज्यों को निर्देश दिया जाता है कि वे सभी आवश्यक सावधानियां सुनिश्चित करें और अधिक संख्या में लोगों को एकत्र न होने देने के लिए कदम उठाएं। इसने कहा कि मॉल, स्थानीय बाजारों और पूजा स्थलों के संबंध में मौजूदा दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए तथा कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि आपात कोविड प्रतिक्रिया पैकेज के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को धन जारी किया जा चुका है, जो त्वरित एवं इष्टतम ढंग से इस्तेमाल किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि इसने राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों को डेंगू एवं रोगवाहक जनित अन्य बीमारियों पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश भी दिया है।
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