इंदौर:इंदौर ज़िले के प्रभारी एवं गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण की अनेक सफल योजनाएं चला रही है। परिवहन विभाग द्वारा महिलाओं को ड्राइविंग का प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। यह महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सशक्त करने की दिशा में एक क़दम है।
गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने आज इंदौर में आईटीआई परिसर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये आयोजित वाहन चलाने के नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। महिलाओं को लाइट मोटर व्हीकल (एलएमवी) चलाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। डॉ. मिश्रा ने प्रशिक्षित वाहन चालक महिलाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए और ऑटो रिक्शा की चाबी भी भेंट की। उन्होंने महिलाओं को वाहन दिलाने में आर्थिक सहयोग देने वाले समाजसेवियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में विधायक रमेश मेंदोला,जीतू जिराती, गौरव रणदिवे ,राजेश सोनकर, कलेक्टर मनीष सिंह, गृह मंत्री के ओएसडी अशोक अवस्थी, उपायुक्त परिवहन सपना जैन, आरटीओ जितेन्द्र रघुवंशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
महिलाओं को मिला जीने का नया सहारा
इंदौर जिले में राज्य शासन द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाने तथा उन्हें सशक्त करने के लिये विशेष पहल की जा रही है। इंदौर में शासन-प्रशासन द्वारा इस दिशा में महिलाओं को वाहन चलाने का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें आर्थिक मदद दे कर जीवन यापन के लिये वाहन दिये जा रहे है। इससे महिलाओं को जीने का नया सहारा मिल रहा है।
आज गृह मंत्री तथा इंदौर जिले के प्रभारी डॉ. नरोत्तम मिश्रा की उपस्थिति में ऑटो-रिक्शा पाकर लाभान्वित महिलाएं नेहा और रचना चौधरी बेहद खुश थी। वे आत्मविश्वास से लबरेज भी। नेहा ने कहा कि मैने शासन की योजना के तहत वाहन चलाने का प्रशिक्षण लिया। मुझे कार-जीप, ऑटो-रिक्शा आदि चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। मेरे दो बेटे है। मैं उन्हें पढ़ा लिखाकर आगे बढ़ाना चाहती हूँ। मुझे आज ई-ऑटो-रिक्शा मिला। उम्मीद है कि इससे मेरा जीवन यापन अच्छे से होगा। मुझे जीने का नया सहारा मिला है। इसी तरह के विचार लाभान्वित महिला रचना चौधरी ने भी व्यक्त किये। उसने कहा कि मैने कुछ परिस्थितियों से जीने की उम्मीद खो दी थी। मुझे वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। मेरे जीवन में उम्मीद की एक नयी किरण आयी। मुझे आज ऑटो-रिक्शा दिया गया, अब में उसका संचालन करूंगी। मैं गाड़ी चलाउंगी। जिन्दगी को नई रफ्तार दूंगी। मेरे साथ मेरे बेटे का जीवन भी संवारूंगी धन्यवाद शासन-प्रशासन।