भादों में निकली महाकाल की पहली सवारी

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उज्जैन। भगवान महाकाल की पांचवीं व भादौ मास की पहली सवारी सोमवार को निकाली गई। कृष्णपक्ष की चतुर्थी पर सभामंडप में पूजन के बाद शाम 4.00 बजते ही भगवान महाकाल की पालकी मंदिर परिसर के बाहर पहुंची। इस दौरान सवारी के दर्शन कर श्रद्धालु दोनों हाथ जोड़कर महाकाल के जयकारे लगाने लगे। मंदिर परिसर से पालकी के बाहर आने के साथ ही तेज बारिश होने लगी। बारिश के बाद भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ, वे महाकाल की सवारी की एक झलक पाने की कोशिश करते रहे।

चांदी की पालकी में विराजित बाबा महाकाल की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु होड़ लगाते रहे। कुछ श्रद्धालुओं ने सवारी के दृश्यों को अपने मोबाइल कैमरे में रिकॅार्ड कर लिया। सोमवार को निकाली गई सवारी में शामिल होने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ शहर पहुंचे। उनके साथ राज्य के मंत्री जीतू पटवारी, सज्जन वर्मा, पीसी शर्मा भी सवारी में शामिल हुए।

शाम को तय समय पर सवारी मंदिर परिसर ने निकली तो सवारी मार्ग का सारा वातावरण भक्तिमय हो गया। सवारी मार्ग श्रद्धालुओं से पटा हुआ था। सवारी देखने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। बाबा महाकाल की पालकी को कहार लेकर चल रहे थे। सवारी के मंदिर परिसर से बाहर आने पर महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सवारी में मार्ग में चौबदार, राजाधिराज श्री महाकाल के पधारने का जयघोष करते हुए शामिल हुए।

पालकी के साथ पुलिस बैंड, अश्वारोही दल, सशस्त्र जवान चल रहे थे। सवारी मार्ग पर भजनमंडलियों के सदस्य भक्ति के रंग में रंगे नजर आए, पूरे सवारी मार्ग पर भक्त डमरू बजाते हुए चल रहे थे तो कहीं वे भक्ति गीतों की धुनों पर झूम रहे थे। श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के विभिन्न स्वरुपों के दर्शन किये।

जिसमें पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरूड़ पर शिवतांडव, नंदी पर उमामहेश व रथ पर होलकर मुघौटे विराजित किए गए थे। सवारी परंपरागत मार्ग गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से निकली। सवारी के दौरान कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए थे। कई स्थानों पर खुफिया कैमरों की सहायता से सवारी मार्ग पर नजर रखी गई।

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