13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे पीएम मोदी, भारत तीसरी बार कर रहा मेजबानी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को वर्चुअल माध्यम से ब्रिक्स देशों के तेरहवें शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इस सम्मेलन के सदस्य देशों में ब्राजील, रूस, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। भारत वर्ष 2021 में ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है।

इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो, रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति साइरिल रामाफोसा उपस्थित रहेंगे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष माकरस ट्रॉयजो, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स विमेन्स बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी भी शिखर सम्मेलन में उपस्थित राजाध्यक्षों के सामने अपने-अपने दायित्वों के तहत साल भर में किये काम काम का ब्योरा प्रस्तुत करेंगे।
यह तीसरी बार है जब भारत ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा। इससे पहले भारत 2012 और 2016 में भी ब्रिक्स सम्मेलन की अध्यक्षता कर चुका है। कोरोना महामारी के बीच 2020 में ब्रिक्स सम्मेलन रूस की अध्यक्षता में आयोजित किया गया था।

शिखर सम्मेलन का विषय अंतर-ब्रिक्स निरंतरता, एकजुटता और सहमति के लिये सहयोग है। भारत ने अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल चार प्राथमिक क्षेत्रों का खाका तैयार किया है। इन चार क्षेत्रों में बहुस्तरीय प्रणाली, आतंकवाद से मुकाबला, सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये डिजिटल और प्रौद्योगिकीय उपायों को अपनाना तथा लोगों के बीच मेल-मिलाप बढ़ाना शामिल है। इन क्षेत्रों के अलावा राजाध्यक्ष कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभाव तथा मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस वर्ष भारत ऐसे समय ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है, जब ब्रिक्स का 15वां स्थापना वर्ष मनाया जा रहा है। शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु में भी यह परिलक्षित होता है।

इन मुद्दों पर होगी बातचीत
भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि सम्‍मेलन में भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हो रहे हैं। माना जा रहा है कि बैठक में सभी देशों का फोकस अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद बदलते हालात पर होगा. इस बैठक में भारत और चीन के बीच जारी विवाद पर भी बातचीत हो सकती है।

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