एआईएमआईएम नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी मंगलवार से तीन दिनों के अयोध्या दौरे पर हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए ओवैसी चुनावी यात्रा निकाल रहे हैं, जिसका फोकस इस बार अयोध्या है। ओवैसी मंगलवार को अयोध्या के मुस्लिम बहुल इलाके रूदौली में सभा करेंगे। सभी की नजर इस पर है कि ओवैसी यहां क्या करते हैं। इस बीच, ओवैसी द्वारा अयोध्या को फैजाबाद कहे जाने पर विवाद हो गया है। यही नहीं, अयोध्या में ओवैसे की पार्टी ने जो बैनर और पोस्टर्स लगवाए हैं, उन पर भी फैजाबाद लिखा है। इससे लोगों में गुस्सा है। खासतौर पर संत समाज नाराज है। साधु संत ओवैसी पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है, अयोध्या को फैजाबाद कहना हिंदू धर्म का अपमान है। बता दें, योगी सरकार ने नवंबर 2018 में ही फैजाबाद का नाम बदल कर अयोध्या कर दिया था।
ताजा खबर यह है कि पुलिस ने अयोध्या में उन सभी पोस्टर्स को हटा दिया है, जिन पर फैजाबाद लिखा है। हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने कहा है कि फैजाबाद का नाम सरकारी दस्तावेजों में अयोध्या हो गया है तो पोस्टर पर फैजाबाद क्यों लिखा जा रहा है। यदि अयोध्या नाम से ओवैसी को इतनी चिढ़ है तो वे यहां न आएं। इस विचारधारा की संत समाज निंदा करता है।
अयोध्या से पहले लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस
अयोध्या रवाना होने से पहले ओवैसी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान ओवैसी ने पत्रकारों के सवालों के जवाब भी दिए। ओवैसी ने दावा किया कि उनकी पार्टी यूपी में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। सपा-बसपा से गठबंधन के सवाल पर ओवैसी ने कहा, पहले सपा-बसपा को हमसे गठबंधन करने के लिए आने दीजिए। हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं। वे पहले बात तो करें।
क्या कहा था ओवैसी ने
ओवैसी ने यूपी में अपने इस कार्यक्रम का ऐलान करते हुए कहा था, मैं सात सितंबर को फैजाबाद और आठ सितंबर को सुल्तानपुर और नौ सितंबर को बाराबंकी का दौरा करूंगा। आने वाले दिनों में हम योगी सरकार को हराने के लिए विधानसभा चुनावों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के और क्षेत्रों का दौरा करेंगे।
इस बीच, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा, असदुद्दीन ओवैसी शायद RSS मुखिया मोहन भागवत के बयान का अनुसरण कर रहे हैं। वह अपने पूर्वजों की धरती अयोध्या गए हैं अपनी चुनावी यात्रा की शुरूआत करने। हम सब अपने पूर्वजों को याद करते हैं, इसलिए वह अयोध्या आ रहे हैं, उनका स्वागत है।