पाक के मंत्री ने खोली इमरान सरकार की पोल, कहा- हमने रखा तालिबानी नेताओं का ख्याल

अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान ने आखिरकार तालिबान के साथ अपने संबंधों की बात स्वीकार कर ही ली। इमरान सरकार में आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने माना कि तालिबान का ‘संरक्षक’ रहा है। इतना ही उन्होंने मंत्री ने यह भी कबूला कि इमरान खान की अगुवाई वाली सरकार ने लंबे समय तक तालिबान के विद्रोहियों के लिए काफी कुछ किया है।

आतंकियों को दिया गया आश्रय
एक टीवी शो में मंत्री शेख राशिद ये बात कबूली। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने तालिबानी आतंकियों को आश्रय दी है और शिक्षा प्रदान की है। राशिद ने अपने इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान लंबे समय तक तालिबानी नेताओं का ख्याल रख रहा है। उनको पाकिस्तान में रहने की जगह, घर और शिक्षा दी गई। बता दें कि पाकिस्तान पर आरोप है कि उसने अफगानिस्तान में तालिबान को फिर से जिंदा करने में काफी मदद की है। ऐसे में
शेख राशिद का बयान नया तूफान ला सकता है।

अफगानिस्तान में हो सकता है गृह युद्ध : कुरैशी
वहीं इससे एक दिन दिन पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी को एक गैरजिम्मेदाराना और अव्यवस्थित कदम करार देते हुए कहा था कि यदि पश्चिमी देश तालिबान के साथ संवाद करने में विफल रहे तो वहां गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है। कुरैशी ने अफगानिस्तान में संभावित अराजकता और आतंकवाद के फिर से सिर उठाने के खतरे को लेकर आगाह करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में युद्ध समाप्त करने के बारे में पाकिस्तान की चिंताओं को दरकिनार किया गया और गैरजिम्मेदाराना तरीके से सैनिकों को वापस बुला लिया गया।

अफगानिस्तान से अमेरिका की हुई वापसी
अमेरिकी सैनिकों को लेकर आखिरी सी-17 मालवाहक विमान ने मंगलवार तड़के काबुल के हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी, जिसके साथ ही अफगानिस्तान में अमेरिका का 20 वर्ष लंबा सैन्य अभियान समाप्त हो गया। कुरैशी ने कहा कि पश्चिम को अब यह सुनिश्चित करने के लिए नई तालिबान सरकार का परीक्षण करना चाहिए कि वह अपने वादों को पूरा करती है कि नहीं।

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