मध्यप्रदेश में पिछले तीन दिन में कई स्थानों पर हुई मूसलाधार बारिश से नदी नालों में उफान आने और करीब एक दर्जन बड़े बांधों के लबालब होने के बाद अतिरिक्त पानी की निकासी करने से कुछ स्थानों पर बाढ़ के हालात बने हुए हैं। इसी बीच आज भी स्थानीय मौसम विभाग ने कई स्थानों पर बारिश की आशंका जाहिर की है। लगातार बारिश के कारण प्रशासन अलर्ट पर है।
स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार उत्तर पूर्वी राजस्थान तथा उससे लगते उत्तर पश्चिमी मध्यप्रदेश पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है, जिससे आज भी नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगरमालवा, शाजापुर, गुना, राजगढ़ और श्योपुर जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश हो सकती है।
मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून में एक जून से 1 जून से 15 अगस्त तक 28 जिलों में सामान्य से अधिक, 19 में सामान्य और 4 में सामान्य से कम वर्षा हुई है। प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा मंदसौर में और सबसे कम सीधी जिले में दर्ज हुई है। प्रदेश के सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिलों में मंदसौर, नीमच, झाबुआ, भोपाल, बुरहानपुर, बड़वानी, शाजापुर, रतलाम, खंडवा, आगर-मालवा, उज्जैन, अलीराजपुर, सीहोर, इंदौर, राजगढ़, रायसेन, खरगोन, गुना, सिंगरौली, धार, नरसिंहपुर, देवास, श्योपुरकलां, अशोकनगर, होशंगाबाद, मंडला, जबलपुर और विदिशा जिले शामिल हैं।
प्रदेश के सामान्य वर्षा वाले जिलों में उमरिया, बैतूल, रीवा, भिण्ड, मुरैना, दमोह, डिण्डौरी, हरदा, सागर, शिवपुरी, दतिया, सिवनी, अनूपपुर, टीकमगढ़, सतना, ग्वालियर, छतरपुर, छिंदवाड़ा और कटनी जिले शामिल हैं। प्रदेश के बालाघाट, पन्ना, शहडोल और सीधी जिले में सामान्य से कम वर्षा हुई है।
जल संसाधन विभाग के मुताबिक प्रदेश में गोपीकृष्ण बांध, कलियासोत, बरगी, केरवा, राजघाट, कुंडालिया, इंदिरा सागर, पेंच, रेतम, वनसुजारा बांध तथा भोपाल का बड़ा तालाब लबालब हो गए हैं। उनमें आ रहे अतिरिक्त पानी की निकासी नदियों में की जा रही है। इससे नर्मदा, ताप्ती, बेतवा, सिंधु, पार्वती आदि नदियां पूरी तरह उफान पर हैं।