पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) को वेंटिलेटर से हटाकर ईसीएमओ यानी एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (Extracorporeal membrane oxygenation) पर शिफ्ट किया गया है.
बीजेपी (BJP) नेता और पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) की हालत काफी नाजुक बनी हुई है. इस वक्त जेटली की हालत इतनी खराब है कि उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर ईसीएमओ यानी एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (Extracorporeal membrane oxygenation) पर शिफ्ट किया गया है. डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए हैं. आज सुबह उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती भी उनसे मिलने पहुंचीं थी. खबर है कि आज शाम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दिल्ली पहुंच रहे हैं. बताया जाता है कि शाम को एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह एम्स पहुंचेंगे और जेटली की सेहत के बारे में जानकारी लेंगे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को एम्स (AIIMS) जाकर पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का हाल जाना. शुक्रवार शाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एम्स पहुंचकर जेटली से परिवार वालों से मुलाकात की. जेटली नौ अगस्त से एम्स के आईसीयू में भर्ती हैं. सूत्रों के अनुसार 66 वर्षीय जेटली की स्थिति गंभीर बनी हुई है और डॉक्टरों की टीम उनकी स्थिति पर नजर रख रही है.
अरुण जेटली को सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती किया गया था. हालांकि इसके बाद से उनके स्वास्थ्य को लेकर कोई बुलेटिन जारी नहीं किया गया है. अपनी खराब सेहत के कारण जेटली ने 2019 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा था. पिछले साल 14 मई को एम्स में उनके गुर्दे का प्रत्यारोपण हुआ था और उस वक्त उनकी जगह रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था. लंबे समय से डायबिटीज़ से ग्रसित होने के कारण अपने बढ़े हुए वजन को ठीक करने के लिये सितंबर 2014 में उन्होंने बेरियाट्रिक सर्जरी कराई थी. ईसीएमओ क्या है
ईसीएमओ पर मरीज को तभी रखा जाता है जब दिल, फेफड़े ठीक से काम नहीं करते और वेंटीलेटर का भी फायदा नहीं होता. इससे मरीज के शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाई जाती है.