लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में जिलों में भाजपा की सरकार बनने के बाद से जिलों के नाम परिवर्तन की योजना तैयार होने लगी है। इलाहाबाद तथा अयोध्या का नाम बदले जाने के बाद अब मैनपुरी, अलीगढ़ तथा फीरोजाबाद का भी नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ रखने की मांग लंबे समय से की जा रही है। विश्व हिंदू परिषद और भाजपा के जन प्रतिनिधि कई बार मांग को प्रदेश स्तर तक उठा चुके हैं। इलाहाबाद का नाम प्रयागराज तथा फैजाबाद का अयोध्या रखा गया है।
योगी आदित्यनाथ सरकार सूबे के कई शहरों के नाम बदल चुकी है, जिसमें इलाहाबाद को प्रयागराज और फैजाबाद को अयोध्या करना शामिल है। अब अलीगढ़, मैनपुरी तथा फीरोजाबाद जिला पंचायत की बैठकों में जिलों का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया गया है। फीरोजाबाद का नाम चंद्रनगर करने का प्रस्ताव पारित होने के बाद अब मैनपुरी का नाम मयन नगरी व अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ करने का प्रस्ताव दोनों जिलों के जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में सोमवार को रखा गया। सदन ने ध्वनिमत से प्रस्ताव को पारित कर दिया। अब प्रस्तावों को शासन स्तर पर भेजा जाएगा। इसके बाद अब वहां से ही आगे की कार्यवाही होने का प्रविधान है।
मैनपुरी में जिला पंचायत की बैठक अध्यक्ष अर्चना भदौरिया की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में हुई। सदस्य योगेंद्र प्रताप ने मैनपुरी का नाम मयन नगरी रखे जाने का प्रस्ताव पेश किया। इसे चर्चा के बाद स्वीकार कर लिया गया। अर्चना भदौरिया ने बताया कि अब इसे शासन को भेजा जाएगा। बैठक में विकास के लिए कार्ययोजना बनाने पर भी सदस्यों ने मंथन किया। गांवों में विकास के लिए पहल करने की बात रखी।
जिला पंचायत बोर्ड की पहली बैठक में बिजौली के ब्लाक प्रमुख उमेश यादव व अतरौली ब्लाक प्रमुख केहरी सिंह ने प्रस्ताव रखा कि पूर्व में जिले का नाम हरिगढ़ था। ऐसे में अलीगढ़ का नाम पुन: हरिगढ़ करने का प्रस्ताव इस सदन से पास करके शासन को भेजा जाए। जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह ने बताया कि अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने भी हरिगढ़ नाम रखने के लिए ज्ञापन दिया है, जिसमें जिले में स्व. राजा बलवंत सिंह के नाम से द्वार बनवाने की भी मांग है। अलीगढ़ के जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह के मुताबिक बोर्ड की बैठक में अलीगढ़ को हरिगढ़ बनाने का प्रस्ताव आया था, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है। गंभीर रूप से बीमार होने के कारण लखनऊ के संजय गांधी पीजीआइ में भर्ती कल्याण सिंह 1992 में मुख्यमंत्री रहते हुए अलीगढ़ का नाम बदलने की कवायद शुरू की थी, लेकिन तब ऐसा नहीं हो सका था।
ऐसे पड़ा था मैनपुरी नाम
मैनपुरी का नाम एक शताब्दी पहले तक मयनपुरी था, बोलचाल में यह शब्द प्रचलित था। इसकी पुष्टि पुराने डाकघर पर सालों पहले लगे पत्थर भी करते थे। वर्ष 1900 के बाद जिले का नाम मैनपुरी बोलचाल में आ गया। इतिहासकार पं. श्रीकृष्ण मिश्रा एडवोकेट बताते हैं कि वर्ष 1392 से पहले मैनपुरी का अस्तित्व नहीं था। नगरिया स्थान था, जहां एक ब्राह्मण परिवार रहता था। पिता के न होने पर मां ने पुत्र मयन कुमार की शादी करवाने को स्वजन से कहा। इस पर दो किमी दूर धारऊ में लड़की से मयन का रिश्ता तय हुआ। बरात पहुंची, भांवर से पहले ङ्क्षसदूरिया की पुकार होने लगी। जानकारी पर मयन इसे लाने को घर आए तो मां दोनों हाथों से खीर खाती मिली। पूछने पर कह दिया कि कल से तेरी पत्नी का राज होगा, इसलिए आज खा रहे हैं। यह बात सुनकर मयन ङ्क्षसदूरिया लेकर नहीं पहुंचे, बरात इंतजार के बाद लौट आई। इसके बाद मयन ने दशनामी अखाड़ा से दीक्षा ली और पुरी संप्रदाय में शामिल हो गए। उनका नाम मयनपुरी हो गया। इसके बाद जब मैनपुरी बसी तो शुरुआती नाम मयनपुरी था, जो अपभ्रंश होकर मैनपुरी हो गया।
1985 में पहली बार उठी हरिगढ़ की मांग
आहुति संगठन के संस्थापक अशोक चौधरी ने बताया कि 1985 में पहली बार जिले के समाजसेवी, चिंतक, विचारक और हिंदुत्ववादी संगठनों ने बैठक कर निर्णय लिया कि यह महान संगीतकार और बिहारीजी को प्रगट करने वाले स्वामी हरिदास जी की धरती है। इसलिए इसका नाम हरिगढ़ रखा जाए। इस प्रस्ताव का सभी ने एकसुर में समर्थन किया। उसके बाद से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल आदि तमाम संगठन अलीगढ़ को हरिगढ़ कहते हैं। उनके बैनर और पोस्टरों पर हरिगढ़ का नाम लिखा रहता है। पोस्टकार्ड आदि पर भी हरिगढ़ लिखा रहता है।
एयरपोर्ट का नाम कल्याण सिंह के नाम रखने पर सहमति
अलीगढ़ जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में धनीपुर मिनी एयरपोर्ट का नाम प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम रखने तथा नई नए चीनी मिल की स्थापना, गभाना के राजा चेतनराज सिंह व राजा बलवंत सिंह के नाम से स्वागत द्वार बनवाने पर भी सहमति जताई गई है। इन प्रस्तावों को अब शासन को भेजा जाएगा।