गुवाहाटी ।मेघालय सरकार ने शिलांग में कल की हिंसा के बीच कथित रूप से हथियारों को छोड़ने वाले पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। राज्य की राजधानी में कथित तौर पर आगजनी करने वाले कुछ लोगों ने हथियार उठाए थे।
मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस कर्मियों के हथियार उनके शरीर के अंगों के समान हैं।
संगमा ने कहा, “कल जो हुआ वह अस्वीकार्य था, चाहे वह पुलिस कर्मियों की ओर से हो या उन लोगों की जिन्होंने हथियार उठाए थे। हम इस पर बहुत दृढ़ हैं और इस पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।”
कल की हिंसा के बाद से नकाबपोश लोगों के एक समूह का पुलिस वाहनों को आग लगाने का वीडियो सामने आया है। शामिल लोगों में से कुछ को कथित तौर पर पुलिस के हथियार ले जाते हुए देखा गया था।
पिछले हफ्ते एक पूर्व विद्रोही नेता की मौत को लेकर शिलांग में रविवार को हंगामे के बीच दो दिन के कर्फ्यू की घोषणा की गई थी। रविवार को विद्रोही नेता के अंतिम संस्कार के जुलूस में काले कपड़े और काले झंडे लिए सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया, जिसने बाद में हिंसा भड़की। जैसे ही हंगामा हुआ, कुछ लोगों ने पुलिस कर्मियों के सर्विस हथियार छीन लिए और लापता हो गए। संगमा ने इसमें शामिल सभी लोगों से हथियार और गोला-बारूद तुरंत वापस करने को कहा। उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था, लेकिन कहा कि चार कर्मी शामिल थे, जिनमें से एक अपने हथियार लेकर भाग गया और तीन उन्हें पीछे छोड़ गए। अपने आवास पर फेंके गए दो बमों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि इस तरह की हरकतें ‘अर्थहीन’ हैं।
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