महू। महू के एक नौजवान सैन्य अफसर मेजर शक्ति सिंह को सेना मेडल से सम्मानित किया जा रहा है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उनके नाम की घोषणा की गई। मेजर शक्ति सिंह को दिए जा रहे इस वीरता पुरस्कार से कोदरिया ने रहने वाले उनके परिजन बेहद उत्साहित हैं।
सूबेदार मेजर (रिटा) महेंद्र सिंह मंडलोई की छाती गर्व से चौड़ी हो गई है, उनके बेटे मेजर शक्ति सिंह को उनकी वीरता के लिए सेना मेडल दिया जा रहा है। पैराशूट रेजिमेंट की 23 वीं बटालियन के मेजर शक्ति सिंह इन दिनों जम्मू कश्मीर के पुलवामा में तैनात हैं और फिलहाल वहां टेलीफोन लाइन का संपर्क कटा हुआ है। जिसके चलते मेजर शक्ति सिंह और उनके परिवार के बीच बातचीत नहीं हो सकी है।
मेजर शक्ति के पिता बताते हैं कि यह पुरस्कार उन्हें जम्मू कश्मीर में तैनाती के दौरान उनकी वीरता के लिए दिया गया है। यहां कंपनी कमांडर के रूप में उन्होंने अपनी कंपनी के साथ अप्रैल से जुलाई के बीच हुई आतंकी आतंकी मुठभेड़ों में 6 आतंकियों को मार गिराया था। जिसके बाद सैन्य मुख्यालय के द्वारा उनका नाम सेना मेडल के लिए अनुमोदित किया गया था।
मेजर शक्ति सिंह ने जीएसआईटीएस इंदौर से सिविल इंजीनियरिंग की है। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने फौज में जाने के लिए तैयारी शुरू की थी। मेजर शक्ति सिंह महू में रहने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एमजी दातार के विद्यार्थी हैं। जनरल दातार अपने शागिर्द मेजर शक्ति की इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं। वे बताते हैं कि मेजर शक्ति शुरू से ही एक बेहद अनुशासित और काबिल इंसान हैं और इसी खासियत के दम पर ही उन्होंने घाटी में आतंकियों का सफाया किया।
मेजर शक्ति सिंह ने साल 2013 में फौज में कमीशन लिया था। उनकी बहन नेहा सिंह मंडलोई भी रक्षा सेनाओं में जाने की इच्छुक हैं। वे एयर फोर्स के लिए परीक्षा पास कर चुकी हैं, लेकिन किसी कारण उनका चयन नहीं हो सका।