नई दिल्ली ।
अन्य पिछड़ा वर्ग के हित में केंद्र सरकार बड़ा फैसला लेने की तैयारी कर चुकी है। संसद के मौजूदा मानसून सत्र के आखिरी सप्ताह के पहले दिन मोदी सरकार 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया, जिसे विपक्षा के सहयोग से आसानी से पास भी कर दिया गया। इस संविधान संशोधन विधेयक के तहत राज्य सरकारों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि हाल ही में मोदी कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी। संसद का मौजूदा मानसून सत्र अब तक काफी हंगामेदार रहा है और पेगासस व किसान मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां लगातार हंगामा कर रही हैं।
संविधान संशोधन विधेयक को विपक्ष का समर्थन
सूत्रों के मुताबिक संसद के मौजूदा मानसून सत्र में भले ही विपक्ष ने काफी हंमागा किया हो, लेकिन इसके बावजूद 127वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित करने में सरकार को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा क्योंकि अधिकांश राजनीतिक दल इस संविधान संशोधन विधेयक के समर्थन में है। इस विधेयक के पारित होने के बाद राज्य सरकारों को अपनी OBC List बनाने का अधिकार मिल जाएगा। विपक्ष ने अब से कुछ देर पहले बिल का समर्थन करने का ऐलान किया है।
सुप्रीम कोर्ट इस विधेयक से सहमत नहीं
सुप्रीम कोर्ट इस संविधान संशोधन विधेयक को लेकर सहमत नहीं है। इसी साल सुप्रीम कोर्ट ने 5 मई को अपनी टिप्पणी में कहा था कि सिर्फ केंद्र सरकार ही अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची बना सकती है, लेकिन केंद्र सरकार ने इसका विरोध किया था और अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार संविधान संशोधन के जरिए बदलने जा रही है। Supreme Court ने बीते महीने केंद्र सरकार की उस समीक्षा याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें केंद्र सरकार ने कोर्ट से 5 मई के आरक्षण मामले में दिए फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते हफ्ते अखिल भारतीय कोटा के तहत मेडिकल कॉलेजों के नामांकन में ओबीसी वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों के लिए आरक्षण देने का निर्णय लिया था। अब सभी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में अखिल भारतीय कोटा योजना के तहत OBC वर्ग को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।