भोपाल ।
एक सप्ताह से उत्तर-पश्चिमी मध्यप्रदेश में बने कम दबाव के क्षेत्र के असर ने ग्वालियर, चंबल संभाग, सागर संभाग के जिलों में भारी तबाही मचा दी है। विशेषकर शिवपुरी, श्यौपुर, गुना, सागर जिले भीषण बाढ़ से जूझ रहे हैं। उधर विदिशा जिले में भी हुई भारी वर्षा ने जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के श्योपुर, अशोकनगर, गुना, दतिया, शिवपुरी, विदिशा, निवाड़ी और टीकमगढ़ में भारी से अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक कम दबाव का क्षेत्र अब कमजोर पड़ने लगा है। साथ ही वर्तमान में यह सिस्टम उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ बढ़ने लगा है। इस वजह से रविवार से ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में अब बारिश की गतिविधियों में कुछ कमी आने की संभावना है। राजधानी भोपाल में शनिवार से ही मौसम धीरे-धीरे खुलने लगेगा। कुछ धूप भी निकलने की संभावना है। हालांकि शाम के समय कुछ बौछारें भी पड़ सकती हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे तक गुना में 164.1, रतलाम में 32, सागर में 23.4, पचमढ़ी में 23, शाजापुर में 17.7, ग्वालियर में 14.5, भोपाल (शहर) में 9.6, इंदौर में 9.2, दमोह में 9, टीकमगढ़ में 8, होशंगाबाद में 7.4, भोपाल (एयरपोर्ट) में 6.4, उज्जैन में 6, नरसिंहपुर में 5, बैतूल में 4.2, खंडवा में 4, धार में 3.7, रायसेन में 2.8, मंडला में 1.5, छिंदवाड़ा में 0.4, जबलपुर में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में कम दबाव का क्षेत्र उत्तर-पूर्वी मप्र पर सक्रिय है। मानसून ट्रफ भी कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। ट्रफ के कारण लगातार मिल रही नमी के कारण प्रदेश के उत्तरी क्षेत्र के जिलों में बारिश हो रही है। हालांकि यह सिस्टम अब कमजोर पड़ने लगा है। इस वजह से रविवार से बारिश की गतिविधियों में कमी आने लगेगी। मौसम धीरे-धीरे साफ होने लगेगा।