कांग्रेस ने अपने शासन में कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया

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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चिकित्सा पाठ्यक्रमों के लिए अखिल भारतीय कोटे में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को आरक्षण की मंजूरी देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय की सराहना की। पार्टी ने शनिवार को कहा कि सरकार ने समतावादी समाज की स्थापना के उद्देश्य से ऐतिहासिक निर्णय किया, जबकि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान सामाजिक न्याय और कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए ‘कुछ नहीं’ किया। सरकार ने अखिल भारतीय कोटा के तहत मौजूदा शैक्षणिक सत्र 2021-22 से स्नातक एवं स्नातकोत्तर चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में ओबीसी को 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण की बृहस्पतिवार को घोषणा की थी। 
  भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी इस ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देती है। यादव ने कहा सामाजिक और आर्थिक न्याय पर आधारित समतावादी समाज की स्थापना के उद्देश्य से यह एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने सामाजिक और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की प्रगति में योगदान को लेकर विपक्ष और विशेष रूप से कांग्रेस पर सवाल उठाया। यादव ने आरोप लगाया कि इतने लंबे समय तक देश में सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने समाज के पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सभी को साथ लेकर देश का समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के सिद्धांत पर काम करती है। इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा पर संदेह करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधते हुए यादव ने कहा, जो लोग पिछड़े समुदायों के उत्थान की बात करते थे, उन्हें केवल अपने-अपने परिवारों और अपने कल्याण की चिंता थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार समाज में सभी के लिए काम कर रही है और इसलिए उसने सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी आरक्षण दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। यादव ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने विभिन्न आयोगों द्वारा दी गई कई रिपोर्टों के बावजूद इस मोर्चे पर कुछ नहीं किया।

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