केंद्र सरकार ने जमाकर्ताओं को बड़ी राहत दी है। बैंक डूबने पर अब डिपॉजिटर्स को 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपए तक की रकम मिलने की प्रॉसेस पूरी हो जाएगी। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। इसके लिए मंत्रिमंडल ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) एक्ट में संशोधन को मंजूरी दे दी है।
बता दें कि किसी बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने पर उसमें जमा डिपॉजिटर की 5 लाख रुपए तक की ही रकम सुरक्षित होती है, फिर चाहे कुल जमा कितनी ही क्यों न हो। पहले यह लिमिट 1 लाख रुपए थी लेकिन सरकार इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर चुकी है। बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि अब किसी बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने या उस पर कोई प्रतिबंध लगने पर 90 दिनों के अंदर डिपॉजिटर को उसकी 5 लाख रुपए तक की जमा मिल जाएगी।
एक बैंक की सभी शाखाओं में मौजूद जमा आती है दायरे में
बैंक में डिपॉजिटर की 5 लाख रुपए तक की जमा पर सुरक्षा की गारंटी, डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन की ओर से होती है। इस 5 लाख रुपए की लिमिट में एक डिपॉजिटर की एक बैंक की सभी शाखाओं में मौजूद सभी जमा काउंट होती है। हर डिपॉजिटर की हर बैंक में 5 लाख रुपए तक की सुरक्षित जमा में मूलधन और ब्याज दोनों शामिल होता है। DICGC सभी बैंक डिपॉजिट्स को कवर करता है। इसमें कमर्शियल बैंक, विदेशी बैंकों की भारत में मौजूद शाखाएं, स्मॉल फाइनेंस बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक, पेमेंट्स बैंक आदि सभी बैंक कवर होते हैं।
जमा राशि पर प्रीमियम में हो रही बढ़ोतरी
सीतारमण ने कहा कि हर बैंक में वास्तव में जमा राशि के 100 रुपए के लिए 10 पैसे का प्रीमियम हुआ करता था। इसे अब बढ़ाकर 12 पैसे किया जा रहा है। यह किसी भी समय प्रति 100 रुपए के लिए 15 पैसे से अधिक नहीं होना चाहिए। आगे कहा कि DICGC बिल 2021 के तहत, सभी जमाओं का 98.3 फीसदी कवर किया जाएगा और जमा मूल्य के संदर्भ में, 50.9 फीसदी जमा मूल्य को कवर किया जाएगा। वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का केवल 80 फीसदी है। यह जमा मूल्य का केवल 20-30 फीसदी कवर करता है।