नई दिल्ली । कांग्रेस ने असम-मिजोरम सीमा पर हुई हिंसा को लेकर मंगलवार को कहा कि ‘युद्ध जैसी स्थिति’ के लिए गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदारी स्वीकार कर पूरी घटना की जांच होनी चाहिए। लोकसभा में पार्टी के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि जल्द ही कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल मौके पर जाएगा। गोगोई ने कहा,असम-मिजोरम सीमा पर हुई हिंसा में छह पुलिसकर्मियों की मौत हो गई और बहुत सारे पुलिस अधिकारी एवं आम लोग घायल हुए हैं। यह स्थिति अचानक से नहीं पैदा हुई। इसका एक पूरा इतिहास है।’’
उन्होंने कहा,उस स्थान पर कई महीनों से लोगों और पुलिस के बीच छोटी-छोटी घटनाएं हो रही थीं। हमें उम्मीद थी कि गृह मंत्री शाह के पूर्वोत्तर दौरे पर एक विकल्प निकलेगा। लेकिन सिर्फ तस्वीरें खींची गई। उनके दौरे के दो दिन बाद वहां बड़ी हिंसा हुई।’गोगोई ने कहा कि, हम जांच की मांग करते हैं। मैंने कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।’’कांग्रेस सांसद प्रद्युत बारदोलोई ने कहा, ‘‘वहां युद्ध जैसी स्थिति है। हम इसकी जांच की मांग करते हैं। हम मांग करते हैं कि इस मामले का सम्मानजक समाधान होना चाहिए। हम यह मांग भी करते हैं कि केंद्र सरकार दखल दे और संघर्ष समाधान करे।’’
वहीं कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने आरोप लगाया कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा को घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, इस पूरी घटना में केंद्र सरकार और असम सरकार की विफलता है। असम के मुख्यमंत्री अगर शासन पर ध्यान देते,तब यह घटना नहीं होती। सरमा को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।’गौरतलब है कि असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद के अचानक बढ़ने के दौरान हुई हिंसक झड़प में असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई और एक पुलिस अधीक्षक सहित 60 अन्य घायल हो गए। दोनों पक्षों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे की पुलिस को जिम्मेदार ठहराकर केंद्र के दखल की मांग की।
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