रायपुर ।
छत्तीसगढ़ का सबसे अधिक क्षमता का प्रेशर स्विंग एब्जोपर्शन (पीएसए) ऑक्सीजन प्लांट अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, रायपुर (AIIMS) में स्थापित किया गया है। यह प्लांट प्रतिमिनट एक हजार लीटर ऑक्सीजन की उत्पादन की क्षमता रखता है। यह वातावरण से वायु लेकर उसे ऑक्सीजन में परिवर्तित करेगा, जिसे पाइपलाइन के माध्यम से एम्स के विभिन्न वार्डों तक पहुंचाया जाएगा।
इसके अलावा एम्स में 30 अत्याधुनिक वेंटिलेटर भी शुरू कर दिए गए हैं। इन दोनों की मदद से कोविड की संभावित तीसरी लहर की चुनौती का मुकाबला करने में काफी मदद मिलेगी। एम्स में पूर्व में ही 30 हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है। यह अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई का प्राथमिक स्त्रोत है। इसके अलावा 98 सिलेंडर की अतिरिक्त व्यवस्था भी है, जो द्वितीयक स्त्रोत के रूप में ऑक्सीजन सप्लाई का कार्य करते हैं।
तृतीयक स्त्रोत के रूप में पीएसए प्लांट स्थापित किया गया है। निदेशक प्रो. डॉक्टर नितिन एम. नागरकर ने बताया कि यह प्लांट डीआरडीओ और एनएचएआई के संयुक्त प्रयासों से स्थापित किया गया है। इसकी क्षमता एक हजार लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट उत्पादित करने की होगी। एम्स को कोविड की दूसरी लहर के दौरान अधिकतम 5000 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ी थी। ऐसे में नया प्लांट स्थापित होने के बाद संभावित तीसरी लहर के लिए तैयारियां कर ली गई हैं। यह प्रदेश में स्थापित सबसे अधिक क्षमता का पीएसए प्लांट है।
इसके अतिरिक्त एम्स में हेमिल्टन के अत्याधुनिक 30 वेंटीलेटर भी शुरू कर दिए गए हैं। इन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से प्रदान किया गया है। नए वेंटीलेटर मिलने के बाद एम्स के विभिन्न आईसीयू में कुल वेंटीलेटर की संख्या 155 हो गई है। इन्हें कोविड और नॉन कोविड दोनों प्रकार के रोगियों के लिए आरक्षित रखा गया है। इससे गंभीर रोगियों की जीवन रक्षा में काफी मदद मिलेगी।