इंदौर ।
खाद्य तेलों के दाम ऊंचाई पर पहुंचने और सोमवार को सोया तेल 1400 बिकने के बाद ऊंचे दामों पर तेलों में ग्राहकी का सपोर्ट नहीं है। अमेरिकी वायदा सीबोट में भी गिरावट दर्ज हुई। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वायदा की इस गिरावट से घरेलू बाजार की मनोवृत्ति पर भी असर दिखा। प्लांटों की घबराहटपूर्ण बिकवाली किए जाने से सोयाबीन तेल की कीमतों में गिरावट रही। मंगलवार को सोयाबीन तेल इंदौर 10 रुपये घटकर 1385-1390 रुपये प्रति 10 किलो रह गया। बाजार में बात चली कि केंद्र सरकार द्वारा दलहन के स्टाक लिमिट में किए गए संशोधन के बाद तेलों के बढ़ते दामों को रोकने के लिए तिलहन पर भी इसी तरह का कोई निर्णय ले सकती है।
इधर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मामलों की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने संसद में जानकारी दी कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य तेलों के दानों में 51 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक की तेजी आई है। सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि 2017- 2018 में 85.21 रुपये खुदरा में बिकने वाला सोया तेल 2021 में 139.6 रुपये। सनफ्लावर तेल 93.1 रुपये से बढ़कर 159.6 रुपये, सरसो तेल 107 रुपये से बढ़कर 157.7 रुपये और मूंगफली तेल 131 रुपये से बढ़कर 171 रुपये प्रति लीटर पैकिंग में बिक रहा है। स्थानीय मंडियों में सोयाबीन की आवक कम होने के बावजूद लेवाल कमजोर होने से भाव में मंदी रही। सोयाबीन क्वालिटी अनुसार 7900 से लेकर 8100 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
मूंगफली तेल में भी अपेक्षित ग्राहकी का अभाव रहने से भाव में आंशिक नरमी रही। पाम तेल इंदौर भी 10 रुपये घटकर 1290 रुपये प्रति 10 किलो रह गया। पोजेक्शन 83 प्लस पर बंद हुआ। 1-15 जुलाई के बीच मलेशिया पाम तेल एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी के बाद 1-20 जुलाई बीच गिरावट की रिपोर्ट आईटीएस द्वारा दी गई। एक्सपोर्ट में गिरावट मलेशिया पाम तेल पर दबाव दाल सकता है। हालांकि उत्पादन के आंकड़ों के लिए अभी इंतार करना चाहिए। तेल बाजार के जानकार आगे तेजी मान रहे हैं। जानकारों के मुताबिक डालर का मजबूत होना भी तेल की कीमतों पर असर डालेगा।