मानसून सत्र आज से, हंगामे के आसार, कई सदस्यों ने दिया नोटिस, राहुल ने सरकार पर कसा तंज

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नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. जहां सरकार कई विधेयकों को पारित कराने के एजेंडे के साथ सदन में जाएगी, वहीं विपक्ष भी कोविड-19 की दूसरी लहर से निपटने के तरीके, ईंधन की कीमतों में वृद्धि और किसान आंदोलन के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में कहा कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर उपयोगी चर्चा करने के पक्ष में है.

आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सदन में विभिन्न दलों के नेताओं से कहा कि देश की स्वस्थ लोकतंत्र की परंपरा, लोगों से जुड़े मुद्दों को सौहार्दपूर्ण तरीके से उठाया जाना चाहिए और सरकार को इन चर्चाओं पर प्रतिक्रिया देने का विकल्प देना चाहिए.पीएम मोदी ने कहा कि ऐसा सौहार्दपूर्ण वातावरण तैयार करना सबकी जिम्मेदारी है और जनप्रतिनिधियों को जमीनी स्तर की जानकारी होती है, इसलिए ऐसी चर्चाओं और निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भागीदारी उसे समृद्ध बनाती है.

आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने नियम 267 के तहत कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मौतों से संबंधित आंकड़ों के अस्पष्टीकरण पर चर्चा करने के लिए स्थगन का नोटिस दिया है. वहीं, सीपीआई के राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने भी पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी मामले में नियम 267 के तहत स्थगन का नोटिस दिया है. आम आदमी पार्टी (AAP) के लोकसभा सांसद भगवंत मान ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया.

कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी और मनिकम टैगोर ने भी केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है.

इन नेताओं के अलावा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर सरकार पर तंज कसा है. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि हमें पता है ‘वो’ क्या पढ़ रहे … जो भी आपके फोन में है. विपक्ष के तीखे तेवरों से साफ है कि इस मसले पर सरकार को संसद में सवालों का सामना करना पड़ सकता है.

किसानों के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव लाने की तैयारी
वहीं, सरकार को घेरने की अपनी रणनीति के तहत कई विपक्षी दल किसानों के मुद्दे को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव लाने की योजना बना रहे हैं. सरकार द्वारा आहूत सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्षी दलों ने संसद में रणनीति पर चर्चा के लिए अलग से बैठकें कीं.

विपक्षी दल की बैठक के बाद आरएसपी नेता एनके प्रेमचन्द्रन ने बताया कि विभिन्न विपक्षी पार्टियां किसानों के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में स्थगन प्रस्ताव लाएंगी. विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), आईयूएमएल, आरएसपी, शिवसेना और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने हिस्सा लिया.

किसान यूनियन पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में और अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि पीएम मोदी 20 जुलाई को संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को महामारी के मुद्दे पर संबोधित करेंगे.

बैठक में मौजूद तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, संसद के बाहर जाने की जरूरत क्या है? कोई भी चर्चा सदन में होनी चाहिए.’

17 नए विधेयक पेश करेगी सरकार
मोदी सरकार ने मानसून सत्र के दौरान 17 नए विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है. इनमें से तीन विधेयक हाल में जारी अध्यादेशों के स्थान पर लाए जाएंगे. इनमें से एक अध्यादेश 30 जून को जारी किया गया था, जिसके जरिए रक्षा सेवाओं में शामिल किसी के विरोध प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होने पर रोक लगाई गई है.

आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश 2021 आयुध फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के प्रमुख संघों द्वारा जुलाई के अंत में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी देने की पृष्ठभूमि में लाया गया है. संबंधित संघ ओएफबी के निगमीकरण के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं.

लोकसभा द्वारा 12 जुलाई को जारी बुलेटिन के मुताबिक अध्यादेश का स्थान लेने के लिए आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक 2021 को सूचीबद्ध किया गया है. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे सटे इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग-2021 अन्य विधेयक है जो अध्यादेश की जगह लाया जाएगा.

वहीं, विपक्ष कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की कथित कमी और राज्यों को टीके के वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. विपक्ष पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को लेकर भी सरकार से जवाब मांगेगा. संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलेगा.

बुलेटिन में सूचीबद्ध वित्तीय विषयों में वर्ष 2021-22 के लिए अनपूरक मांग और अनुदान पर चर्चा एवं मतविभाजन शामिल है

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