नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी नेता पद से बदलने का फैसला किया है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी को तीखा पत्र लिखने वाले नेताओं में से कुछ इस पद के लिए दावेदारी की होड़ में हैं. अधीर रंजन पश्चिम बंगाल से सांसद हैं. संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से प्रारंभ होने जा रहा है और यह 13 अगस्त तक चलेगा. सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि राहुल गांधी इस दावेदारी में नहीं हैं.
अधीर रंजन चौधरी की जगह किसे मिलेगी जिम्मेदारी
गौरतलब है कि 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहे हैं, ऐसे में कांग्रेस लोकसभा में नेतृत्व परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ा सकती है. बता दें कि पश्चिम बंगाल के बहरामपुर सीट से सांसद अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस नेता हैं. अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल कांग्रेस के भी अध्यक्ष हैं.
बता दें कि इस पद के लिए जिन्हें सबसे ज्यादा दावेदार माना जा रहा है, उनमें शशि थरूर और मनीष तिवारी हैं. सूत्रों का कहना है कि गौरव गोगोई, रवनीत सिंह बिट्टू और उत्तम कुमार रेड्डी के नाम पर भी विचार किया जा रहा है.
थरूर और मनीष तिवारी उस जी-23 समूह में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल अगस्त महीने में सोनिया गांधी को पहला खत लिखा था. इस पत्र में पार्टी नेतृत्व में बदलाव और व्यापक संगठनात्मक परिवर्तन की मांग की गई थी. इसकी वजह से एक आंतरिक तूफान शुरू हो गया था. इसके बाद कई नेताओं को पार्टी में अपने पद खोने पड़े थे.
उनमें से सबसे प्रमुख कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद थे, जिन्हें महासचिव के पद से हटा दिया गया था. हालांकि, वे कांग्रेस वर्किंग कमेटी के हिस्सा बने रहे. मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और मल्लिकार्जुन खड़गे को भी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव पद से हटा दिया गया था.
चौधरी को पद से हटाने को लेकर काफी लंबे समय से चर्चा चल रही थी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि “एक आदमी एक पद” नियम को अब सख्ती से लागू किया जाएगा.