कहा जाता है अपराधी कितना ही एशतिर क्यों न हो लेकिन गुनाह के निशान कही न कही छोड़ ही जाता है। ऐसा ही कुछ राष्ट्र संत कहलाने वाले भय्यू महाराज आत्म हत्या के मामले में देखने को मिला और इसी के साथ गुन्हेगारों को पकड़ने में भी इंदौर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है
करीब सात महीने पहले हुए भय्यू महाराज ख़ुदकुशी के मामले से जुड़े तीनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों ने महाराज को जाल में फंसाकर ऐसा उलझाया था कि उन्होंने खुद को गोली मार ली थी। इनमें महाराज के नजदीक मानी जा रही युवती पलक, खास सेवादार विनायक दुधाले, और शरद देशमुख शामिल हैं। इनके खिलाफ साजिश रचकर भय्यू महाराज को धमकाने का केस दर्ज किया गया है। तीनों आरोपियों को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने इस मामले में 125 लोगों से पूछताछ की और 28 लोगों के बयान दर्ज किए।
पुलिस ने भय्यू महाराज केस के मामले में तीन आरोपी पलक, विनायक और शरद देशमुख को गिरफ्तार किया है। शनिवार दोपहर इंदौर डीआईजी हरीनारायण चारी मिश्र ने प्रेसवार्ता कर घटना का खुलासा किया। डीआईजी ने बताया कि तीनों आरोपियों ने महाराज को ब्लैकमेल करने के लिए अश्लील चैट भी सेव कर रखी थी। तीनों आरोपी महाराज को जाल में फंसा कर उनका शोषण कर रहे थे। इसी दौरान दाती महाराज का भी केस सामने आ गया, जिसके बाद भय्यू महाराज विचलित हो गए थे। पलक और उसके साथियों ने इसी बात का फायद उठाकर धमकी दी थी कि पलक से शादी करो नहीं तो आपका हाल भी दाती महाराज जैसा होगा। महाराज के जीवन में पलक की एंट्री महाराज की पहली पत्नी माधवी की मौत के बाद केयर टेकर के तौर पर हुई थी। विनायक और शरद ने मौके का फायदा उठाते हुए पलक को महाराज से नजदीकी बढ़ाने के लिए कहा था। धीरे-धीरे पलक और उसके साथी अपने मनसूबे पर कामयाब हो गए। विनायक भय्यू महाराज का बेहद करीबी राजदार था। वह महाराज के हर राज जानता था। महाराज को ब्लैकमेल करवाने में विनायक की अहम भूमिका थी। इस मामले में इंदौर डीआईजी ने बताया कि पलक ने भय्यू महाराज की दूसरी शादी के दिन हंगामा भी किया था। विनायक और शरद भी उसके साथ थे।