कांग्रेस में जारी नेतृत्व संकट के बीच राहुल गांधी ने बुधवार को साफ कहा कि वह इस्तीफा दे चुके हैं और अब पार्टी के अध्यक्ष नहीं है। राहुल ने बुधवार को मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन है, इसका फैसला कांग्रेस वर्किंग कमिटी करेगी।
नई दिल्ली :लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद इस्तीफे पर चल रहे सस्पेंस को राहुल गांधी ने बुधवार को खत्म कर दिया। राहुल ने पहले मीडिया और फिर ट्विटर पर आकर साफ किया कि अब वह कांग्रेस के अध्यक्ष नहीं हैं। राहुल ने बुधवार को मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन है, इसका फैसला कांग्रेस वर्किंग कमिटी करेगी। उन्होंने कहा, ‘पार्टी को बिना किसी देरी के जल्द ही नए अध्यक्ष का चुनाव करना चाहिए। मैं इस प्रक्रिया में कही नहीं हूं। मैं पहले ही अपना इस्तीफा दे चुका हूं और अब मैं पार्टी अध्यक्ष नहीं हूं। CWC (कांग्रेस वर्किंग कमिटी) को जितना जल्दी हो सके बैठक बुलानी चाहिए और फैसला लेना चाहिए।’ राहुल ने इसके बाद ट्विटर पर भी अपने इस्तीफे की जानकारी दी।
लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि गांधी परिवार से बाहर के किसी शख्स को अध्यक्ष बनना चाहिए। इस बीच, कांग्रेस के बड़े नेता उन्हें मनाते रहे और यह कोशिश अब भी जारी है। हालांकि, आज जिस तरह राहुल गांधी ने दो-टूक कहा कि अब वह अध्यक्ष नहीं हैं और पार्टी को जल्द से जल्द नया अध्यक्ष चुनना चाहिए, इससे लग रहा है कि वह इस्तीफे के फैसले से पीछे हटने वाले नहीं हैं।
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोनिया गांधी के साथ गहलोत की मुलाकात 40 मिनट से ज्यादा चली। कांग्रेस के पांचों मुख्यमंत्रियों के सोमवार को राहुल गांधी से मुलाकात कर उन्हें कांग्रेस प्रमुख पद पर बने रहने गुजारिश करने के 2 दिन बाद गहलोत ने सोनिया से मुलाकात की है। हालांकि, राहुल गांधी ने मुख्यमंत्रियों की मांगों को खारिज कर दिया था और उन्हें नए पार्टी अध्यक्ष की तलाश करने को कहा था। राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद 25 मई को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की। कांग्रेस ने चुनाव में महज 52 सीटें जीती। राहुल खुद अपने गढ़ उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्मृति इरानी से हार गए लेकिन केरल के वायनाड से जीतकर संसद पहुंचने में कामयाब रहे।