राहुल गांधी से मुख्यमंत्रियों की मुलाकात के दौरान इस्तीफे की पेशकश की खबरों से सस्पेंस कम होने के बजाय और भी बढ़ गया है। राजस्थान के CM से जब यही सवाल किया गया तो उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया।
नई दिल्ली
कांग्रेस के भीतर एक तरफ इस्तीफों की झड़ी लग गई है तो वहीं पार्टी अध्यक्ष के पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अहम बैठक की। इसके बाद जब पत्रकारों ने अशोक गहलोत से उनके और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा इस्तीफे की पेशकश किए जाने की खबरों पर सवाल किए तो उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया। गहलोत ने कहा कि इस्तीफे की पेशकश आज क्या की, जिस दिन चुनाव के परिणाम आए थे, उस दिन इस्तीफे की पेशकश ही होती है। उन्होंने आगे कहा कि चुनी हुई सरकारों को स्टेबल रखना ही होता है। चुनाव के बाद हाईकमान फैसला करता है कि आगे हमें कैसे काम करना है। पूरी वर्किंग कमिटी ने राहुल गांधी को अधिकृत किया है कि वह जो चाहें फैसला करें, पुनर्गठन करें, रिप्लेसमेंट करें, कुछ भी करें और यह फैसला 25 जून को ही हो चुका है।
बैठक के बारे में गहलोत ने कहा, ‘राहुल गांधी को आज हमने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं से अवगत कराया। हमने 2 घंटे तक बातचीत की। हम सभी ने कहा कि चुनाव में हार-जीत होती रहती है, पहले भी हुई है। उन्होंने हमारी बात को ध्यान से सुना है। हमने अपनी बात दिल से कही है। हम उम्मीद करते हैं कि वह हमारी बातों पर गौर करेंगे और समय आने पर फैसला करेंगे।’
क्या राहुल गांधी माने? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हमने अपनी भावना बता दी। खुलकर और दिल से बातचीत हुई है। गहलोत ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने चुनाव में मुद्दों पर बात की थी जबकि दूसरे पक्ष ने देशभक्ति के नाम पर देश को गुमराह किया। उन्होंने सेना के पीछे छिपकर राजनीति की। बताया जा रहा है कि सोमवार को संसद परिसर में पत्रकारों के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि वह अपने फैसले पर अड़े हुए हैं। आपको बता दें कि चुनाव नतीजे आने के बाद खबर आई थी कि राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है और बाद में इसे कांग्रेस वर्किंग कमिटी द्वारा खारिज किए जाने की बात सामने आई। हालांकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार अपनी बात पर अड़े हुए हैं।