नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को जयपुर नगर निगम से एक निजी कंपनी के बकाए के भुगतान से संबंधित कथित भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी अपने वरिष्ठ पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और संघ प्रमुख मोहन भागवत को जवाब देना चाहिए कि क्या यही उनकी संस्कृति है.
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दावा किया कि भ्रष्टाचार के इस मामले में संघ के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बा राम आरोपी हैं और इस मामले में राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से प्राथमिकी दर्ज की गई है.
खेड़ा ने पिछले महीने भी इस मामले में आरोप लगाते हुए कुछ ऑडियो एवं वीडियो जारी किए थे, हालांकि इनकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है. आरएसएस की तरफ से फिलहाल कांग्रेस के इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘भागवत जी इन दिनों संस्कृति की बातें कर रहे हैं. हम सबको पता है कि हमारे देश की संस्कृति क्या है, लेकिन हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या यह उनकी संस्कृति है? क्या वह अपने पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?’
मोदी सरकार में पदोन्नति पाने का मापदंड राहुल गांधी के खिलाफ ट्वीट
केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में पदोन्नति पाने का मापदंड यह होता है कि किस मंत्री ने राहुल गांधी के खिलाफ कितने ट्वीट किए हैं. खेड़ा ने सवाल किया कि उन राज्यपालों को क्यों नहीं हटाया गया, जिनके विरूद्ध संविधान से खिलवाड़ के आरोप लगे हैं?
केंद्रीय मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. किंतु मोदी सरकार में किसी तरह का फेरबदल होता है तो ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं बदला जाता, जिसके विरूद्ध शिकायत हो. ऐसे व्यक्ति को इनाम दिया जाता है.’
खेड़ा ने दावा किया, प्रधानमंत्री की नजर में कैबिनेट में ऊंचा दर्जा पाने के लिए यही योग्यता होनी चाहिए कि मंत्री ट्विटर पर राहुल गांधी जी के खिलाफ कितने ट्वीट करते हैं. मंत्री की पदोन्नति इसी पर आधारित होती है. देश और अपने विभाग के लिए वो क्या कर रहे हैं, ये मायने नहीं रखता.’
उन्होंने सवाल किया, ‘जहां मापदंड यह हो, वहां देश को क्या लाभ होगा?’
कई प्रदेशों के राज्यपाल बदले जाने और नए राज्यपालों की नियुक्ति के संदर्भ में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘क्या किसी ऐसे राज्यपाल को हटाया गया है जिसके विरूद्ध संविधान के साथ खिलवाड़ करने के गंभीर आरोप लगे हों? चाहे वो पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हों या राजस्थान के राज्यापाल हों या फिर लक्षद्वीप के प्रशासक हों, क्या इनको बदला गया है?’