लखनऊ ।
आजमगढ़ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की लखनऊ में छह जनवरी को हत्या के मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की मुश्किल बढ़ती ही जा रही है। इस हत्याकांड में 25 हजार का इनाम घोषित होने के बाद अब लखनऊ की कोर्ट ने बहुजन समाज पार्टी से जौनपुर से सांसद रहे धनंजय सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया है।
लखनऊ की कोर्ट ने अजीत सिंह की हत्या में बड़ी साजिश रचने वाले फरार पूर्व सांसद धनंजय सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया है। पूर्व सांसद धनंजय सिंह लखनऊ में हुए आजमगढ़ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह हत्याकांड की साजिश रचने का आरोपी है। इस हत्याकांड में लखनऊ पुलिस शूटर सहित कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके बाद धनंजय सिंह का भी नाम जोड़ा गया। लखनऊ, विभूतिखंड में अजीत सिंह हत्याकांड में आरोपित धनंजय सिंह के खिलाफ कोर्ट से हुई 82 की कार्रवाई।
धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह तीन जुलाई को जौनपुर से निर्दलीय जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई हैं। हाल ही में भाजपा के सहयोगी दल के सहयोग से धनंजय सिंह की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीतीं हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव तक शांत रही पुलिस ने एकाएक अजीत सिंह हत्याकांड के मामले में धरपकड़ तेज कर दी है। लखनऊ पुलिस महीनों से धनंजय सिंह को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है, लेकिन धनंजय सिंह आराम से जौनपुर में था। कुछ महीनों पहले ही वह एक अन्य मामले में जमानत कटवाकर जेल भी गया। इसके बाद उसकी जमानत हो गई और वह बाहर आ गया लेकिन लखनऊ पुलिस को नहीं मिला। लखनऊ पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए जौनपुर उसके घर तक कई बार दबिश की औपचारिकता पूरी कर चुकी है।
धनंजय सिंह इस हत्याकांड में अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा चुका चुका है, लेकिन राहत नहीं मिली। धनंजय की तरफ से कहा गया कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है।
लखनऊ में बीती छह जनवरी को अजीत सिंह की हत्या की गई थी। अजीत की पत्नी रानू सिंह ने मऊ में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह, आजमगढ़ के माफिया कुंटू सिंह उर्फ ध्रुव सिंह, अखंड सिंह व गिरधारी विश्वकर्मा उर्फ डॉक्टर के खिलाफ लिखित तहरीर दी थी। मऊ पुलिस ने लखनऊ में वारदात होने के कारण उसे संबंधित थाने में देने की बात कहकर वापस भेज दिया। लखनऊ के विभूतिखंड थाना में अजीत के करीबी मोहर सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया था।