केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल को लेकर चल रही चर्चा के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर बड़ी बैठक होने जा रही है। इस मीटिंग में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और निर्मला सीतारमण के साथ अन्य शीर्ष मंत्री भ शामिल हो सकते हैं।
कभी भी हो सकता है मंत्रिपरिषद विस्तार
सूत्रों के मुताबिक सात जुलाई या उसके बाद के दो-तीन दिनों के भीतर कभी भी मंत्रिपरिषद विस्तार का फैसला लिया जा सकता है। विस्तार में सहयोगी दलों को शामिल कर एनडीए को मजबूत करने की कवायद की जाएगी। वहीं इससे पहले पीएम ने गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के संगठन महामंत्री बीएल संतोष के साथ बैठक की थी।
शाह ने की थी पीएम मोदी से मुलाकात
शाह और संतोष ने प्रधानमंत्री के निवास पर उनके साथ कई घंटों तक चर्चा की। इस बैठक को मंत्रिपरिषद विस्तार से जुड़े ब्यौरे को अंतिम रूप देने से जोड़कर देखा जा रहा है। अगर प्रधानमंत्री फेरबदल करते हैं तो मई, 2019 में प्रधानमंत्री के तौर पर दूसरी पारी शुरू करने के बाद मंत्रिपरिषद का यह पहला विस्तार होगा।
उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो मिलने की संभावना
असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुशील मोदी उन संभावित लोगों में शामिल माने जा रहे हैं जिन्होंने मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है। इस फेरबदल में उत्तर प्रदेश को खास तवज्जो मिल सकती है क्योंकि अगले साल की शुरुआत में वहां विधानसभा चुनाव है और राजनीतिक रूप से यह देश का सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश माना जाता है। सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल का प्रतिनिधित्व भी इस विस्तार में बढ़ सकता है। माना जा रहा है कि भाजपा की सहयोगियों जदयू और अपना दल (एस) को भी प्रतिनिधित्व मिल सकता है।
मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री
आरपीआई नेता राम दास आठवले इकलौते ऐसे गैर भाजपाई नेता हैं जो नरेंद्र मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल हैं। लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान का पिछले साल निधन हो गया था और ऐसे में सबकी नजरें इस ओर हैं कि उनके भाई पशुपति कुमार पारस को मंत्री बनाया जाता है या नहीं। मौजूदा मंत्रिपरिषद में कुल 53 मंत्री हैं और नियमानुसार अधिकतम मंत्रियों की संख्या 81 हो सकती है।