इंदौर पहुंचे सीएम को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिखाए काले झंडे, जीतू पटवारी ने सड़क पर किया विरोध

इंदौर प्रदेश राजनीति

इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का इंदौर दौरा कई कारणों चर्चाओं में रहा. एक तरफ बैठक में प्रवेश नहीं मिलने से राऊ से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने जमकर हंगामा किया, तो दूसरी तरफ सज्जन सिंह वर्मा पर FIR दर्ज होने के विरोध में उनके समर्थकों ने सीएम को काले झंडे दिखाए. इंदौर पहुंचे सीएम ने शहर को कोरोना मुक्त बनाने के लिए आयोजित की गई समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया.

जीतू पटवारी ने किया हंगामा

सीएम के इंदौर दौरे के चलते आयोजित की गई क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में नहीं बुलाए जाने से कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी नाराज नजर आए. जीतू पटवारी जब बैठक में हिस्सा लेने के लिए AICTSL के ऑफिस पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया. पुलिसकर्मियों का कहना था कि उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं है. दूसरी तरफ जीतू पटवारी का कहना था कि उन्हें बैठक में आने के लिए आमंत्रित किया गया था और अब जानबूझकर उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है. इस दौरान जीतू पटवारी ने जमकर हंगमा किया.

सज्जन सिंह वर्मा के समर्थकों ने दिखाए काले झंडे

इधर बुधनी के गोपालगंज में ब्रिज के उद्घाटन से पहले आवागमन शुरू करवाने के चलते सज्जन सिंह वर्मा पर हुई FIR के विरोध में उनके समर्थकों ने सीएम को काले झंडे दिखाए. सज्जन सिंह वर्मा के समर्थकों ने इंदौर के व्हॉइट चर्च रोड़ पर सीएम को काले झंडे दिखाए. इसके बाद छावनी चौराहे पर सीएम का पुलता भी फूंका. इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हुई.

सीएम ने क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में लिया हिस्सा

इंदौर पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक में हिस्सा लिया. इस दौरान सीएम शिवराज ने कोरोना नियंत्रण के लिए उपलब्ध संसाधनों और व्यवस्थाओं की समीक्षा के बाद तीसरी लहर में इंदौर को संक्रमण से बचाए रखने की एडवांस प्लानिंग पर भी सहमति दी है. अब शहर को संक्रमण से बचाए रखने के तमाम प्रयासों पर कठोरता से अमल होगा.

शहर के बड़े अस्पतालों विशेष व्यवस्था

इंदौर के एआईसीटीएसएल के सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये एहतियात के रूप में पीसी सेठी अस्पताल को विशेष रूप से तैयार किया गया है. इंदौर में ऑक्सीजनयुक्त और आईसीयू बेड्स की संख्या 7 हजार 650 थी, उसे बढ़ाकर 10 हजार 250 किया गया है. इनमें महिलाओं और बच्चों के आईसीयू युक्त बेड्स की संख्या भी पर्याप्त रखी गई है. उन्होंने बताया कि जिले में पहली बार चार सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी कोविड अस्पताल के रूप में परिवर्तित किया गया है.

अस्पतालों में बढ़ाई गई बेड की संख्या

इंंदौर में तीसरी लहर से लड़ने की तैयारियों के बारे में बोलते हुए कलेक्टर ने बताया कि शहर में निजी क्षेत्र के 111 अस्पतालों में कुल 8 हजार 434 बेड्स की व्यवस्था की गई हैं, वहीं शासकीय क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों में एक हजार 816 बेड्स की व्यवस्था की गई है. बैठक में कलेक्टर ने बताया गया कि गर्भवती महिलाओं और बच्चों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने पर उनके लिये चार विशेष मातृ शिशु एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है. कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के इलाज के लिये डॉक्टर्स एवं नर्स को विशेष रूप से ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की गई है.

10 अगस्त तक 42 प्लांट होंगे चालू

इंदौर जिले में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य तेज गति से चल रहा है. कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि जिले में जिले में 52 करोड़ रूपये की लागत से 42 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं. इनमें से 11 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो गये हैं. बचे हुए 31 ऑक्सीजन प्लांट का का वर्कऑर्डर जल्द जारी हो जाएगा. बताया गया कि सभी ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण आगामी 15 अगस्त तक पूरा हो जायेगा.

76.77 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण

कलेक्टर ने बैठक में जानकारी दी कि इंदौर जिले में टीकाकरण महाअभियान बेहतर तरीके से चल रहा है. जिले में 28 लाख लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है, इसमें से अभी तक 21 लाख 55 हजार लोगों का टीकाकरण हो चुका है. इस तरह 76.77 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण हो गया है. टीकाकरण की शहरी क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 70.41 प्रतिशत उपलब्धि रही है.

रहवासी संघ ने लगाया प्रतिबंध

इंदौर में 40 से अधिक रहवासी संघों ने अपने यहां बिना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है. चोईथराम मंडी, निरंजनपुर मंडी, लक्ष्मीबाई अनाज मंडी, छावनी अनाज मंडी में भी बिना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है. सियागंज, क्लाथ मार्केट, 56 दुकान एसोसिएशन और समस्त औद्योगिक संगठनों द्वारा बिना वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र के प्रवेश पर 10 जुलाई के बाद प्रतिबंध लागू करने का निर्णय लिया गया है. कई संगठनों ने “नो वैक्सीन-नो सैलरी और नो वैक्सीन- नो एंट्री” नियम लागू किया जा रहा है.

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