देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा 52 लागू, कुलपति नरेन्द्र धाकड़ बर्खास्त

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  • रविवार को सीईटी परीक्षा के दौरान सर्वर डाउन होने के चलते 1300 छात्रों की परीक्षा निरस्त करनी पड़ी थी
  • साेमवार को मप्र सरकार ने जारी किया धारा 52 लागू करने का आदेश, 2003 में भी हुई थी ऐसी ही कार्रवाई

इंदौर. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा रविवार को आयोजित सीईटी की परीक्षा में हुई भारी गड़बड़ी के बाद सोमवार को कुलपति नरेन्द्र धाकड़ को बर्खास्त कर दिया गया। विश्वविद्यालय में धारा-52 लागू कर दी गई है। इस संबंध में राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया है।

कुलपति को बर्खास्त करने के बाद सोमवार शाम तक विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलपति नियुक्त कर दिया जाएगा। वहीं, अगले 6 महीने के दौरान विश्वविद्यालय के लिए स्थायी कुलपति की नियुक्ति की जाएगी। 2015 में उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक पद से रिटायर होने के बाद 7 मई 2016 को डॉ. धाकड़ को विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था।

दूसरी बार धारा-52 लगाकर हटाए गए कुलपति
फरवरी 2003 में राज्य सरकार ने तत्कालीन कुलपति डॉ. भारत छापरवाल को धारा 52 लगाकर हटा दिया था। इसके बाद डॉ. सीएस चड्ढा, डॉ. भागीरथ प्रसाद, अजित सिंह सेहरावत, डॉ. पीके मिश्रा और डॉ. डीपी सिंह इस पद पर रहे। हालांकि, इनमें से किसी ने भी अपना 4 साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया।

यह है धारा-52
मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-52 के तहत राज्य सरकार को यह अधिकार होता है कि वह प्रदेश के किसी विश्वविद्यालय में अव्यवस्था, आर्थिक अनियमितता, भ्रष्ट्राचार, विश्वविद्यालय संचालन में लापरवाहीं आदि पाए जाने पर वह कुलपति को बर्खास्त कर सकती है। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में धारा-52 लागू करने के पीछे विश्वविद्यालय संचालन में लापरवाही बरतने की बात बताई जा रही है।

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