पंजाब में पिछले दो-तीन दिनों से बिजली की भारी कटौती हो रही है। उसके साथ ही पूरे उत्तर-पश्चिमी भारत में चल रही लू ने लोगों को और परेशान कर रखा है। बिजली की कमी को लेकर लोगों के विरोध को देखते हुए कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना शुरु कर दिया। शुक्रवार को उन्होंने पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार से एक के बाद एक कर 9 ट्वीट किये, जिसमें पॉवर सप्लाई को लेकर सरकार की खामियां गिनाईं।
अपने ट्वीट में नवजोत सिंह सिद्धू ने लिखा है कि अगर सही तरीके से काम किया जाए, तो पंजाब में आम लोगों के लिए बिजली कटौती का समय निर्धारित करने की जरूरत ही नहीं है। पंजाब में लू के प्रकोप की वजह से बिजली की मांग अपने रिकॉर्ड 14,500 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस वजह से बीते दो दिनों से लगातार कई घंटों तक बिजली की कटौती की जा रही है। इसी को लेकर नवजोत सिद्धू ने लगातार एक के बाद 9 ट्वीट किये।
कई इलाकों में बिजली कटौती
पंजाब के कई जिले बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं। मोहाली के कई इलाकों में करीब 14 घंटे से अधिक समय के लिए बिजली की कटौती की गई, जबकि पटियाला, बठिंडा और कपूरथला, तरनतारण, फिरोजपुर, मुक्तसर और लुधियाना के कुछ इलाकों में सात घंटे तक बिजली गुल रही। यहां तक कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जा रही धान की रोपाई के दौरान यहां के ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति पर रोक भी लगा दी गई है। प्रदेश सरकार ने बिजली की कमी को देखते हुए सरकारी दफ्तरों में कार्य का समय कम करके सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक के लिए तय किया है। साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में सप्लाई की जा रही बिजली पर रोक लगाने का फैसला किया है।
सिद्धू की सलाह
इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू ने सलाह दी है कि तीन कंपनियों से बिजली की खरीद करने के बजाय पंजाब को राष्ट्रीय ग्रिड से बिजली लेनी चाहिए। इससे यहां पर बिजली सस्ती मिलेगी। साथ ही पंजाब विधानसभा में एक ऐसा कानून पेश किया जाना चाहिए, जिससे बिजली के दामों पर एक कैप लगाई जा सके। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि पंजाब किसी अन्य राज्य से ज्यादा पैसे देकर बिजली की खरीद करता है। उनके मुताबिक पंजाब इस समय 4.54 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली की खरीद कर रहा है, जो राष्ट्रीय औसत और चंडीगढ़ के औसत से कहीं ज्यादा है।