महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े 100 करोड़ रुपये की वसूली मामले में अदालत ने उनके दो सहायकों की हिरासत छह जुलाई तक बढ़ा दी। ED ने देशमुख के निजी सचिव संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे को 26 जून को गिरफ्तार किया था। इससे पहले नागपुर और मुंबई में NCP नेता देशमुख और उनके सहायकों के परिसरों पर छापेमारी की गई थी। दोनों सहायकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था। अदालत ने मामले में आगे जांच के लिए छह जुलाई तक ईडी को उन्हें हिरासत में रखने की अनुमति दे दी।
पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली का रैकेट चलाने का आरोप के बाद, मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही इंफोर्समेंट डिरेक्टोरेट ने देशमुख के पीएस संजीव पलांडे और पीए कुंदन शिंदे की कस्टडी बढ़ाने के लिए कोर्ट में पेश किया था। ED ने कोर्ट को बताया कि उन्हें इन आरोपियों से कुछ और पूछताछ करनी है, इस वजह से उनकी 7 दिनों की कस्टडी की मांग की। ED ने कोर्ट को बताया को पुलिस सेवा से निकाले गए अधिकारी सचिन वाझे ने बताया कि उसने इन दोनों को तीन बार पैसे दिए थे। अभी ये पता नहीं चला है कि ये सारे पैसे अनिल देशमुख तक कैसे पहुंचते थे, क्योंकि यह पैसे कैश में आये थे।
ये मामला अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से भी जुड़ा है। ED ने बताया कि जांच में यह भी पता चला है कि कई आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर अनिल देशमुख ने किया है। पलांडे ने भी बताया कि आईपीएस ट्रांसफर में अनिल देशमुख की भूमिका है। आईपीएस अधिकारियों के ट्रांसफर से जुड़ी एक लिस्ट भी ED को मिली है। इसी सिलसिले में अब तमाम आईपीएस अधिकारियों को बुलाया जाएगा और इन आरोपियों के साथ बैठाकर भी पूछताछ होगी।