- अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो की भारत यात्रा से पहले व्यापार प्रतिनिधि की चेतावनी
- हाल ही में ट्रंप ने भारत से सामान्य तरजीही प्रणाली (जीएसपी) का दर्जा छीन लिया
- भारतीय इस्पात और अल्युमिनियम के कुछ खास उत्पादों पर आयात शुल्क में वृद्धि की
ट्रंप अमेरिकी उत्पादों पर भारत में अधिक टैक्स लगाने का आरोप लगाते रहे हैं। अमेरिका द्वारा भारतीय इस्पात और अल्युमिनियम के कुछ खास उत्पादों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी के बाद जवाबी कार्रवाई के तौर पर भारत ने भी 28 अमेरिकी उत्पादों पर टैक्स बढ़ा दिया है।
वॉशिंगटन: डॉनल्ड ट्रंप प्रशासन ने भारत को आगाह किया है कि वह ‘अनुचित’ व्यापार गतिविधियों को लेकर उसके खिलाफ कुछ ‘अतिरिक्त कार्रवाई’ कर सकता है। अमेरिका ने कहा है कि दोनों देशों के बीच इस मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं हुई है जिसकी वजह से उसे अतिरिक्त कार्रवाई जैसा कदम उठाना पड़ सकता है। अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर ने यह चेतावनी दी। कुछ दिन पहले ही अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से सामान्य तरजीही प्रणाली (जीएसपी) का दर्जा छीन लिया था। भारत अमेरिका के दशकों पुराने जीएसपी कार्यक्रम का लाभार्थी रहा है। अमेरिकी संसद के आंकड़ों के अनुसार इस कार्यक्रम की वजह से भारत ने 2017 में अमेरिका को 5.7 अरब डॉलर की शुल्क मुक्त वस्तुओं का निर्यात किया था। गौरतलब है कि ट्रंप अमेरिकी उत्पादों पर भारत में अधिक टैक्स लगाने का आरोप लगाते रहे हैं। अमेरिका द्वारा भारतीय इस्पात और अल्युमिनियम के कुछ खास उत्पादों पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी के फैसले के बाद जवाबी कार्रवाई के तौर पर भारत ने भी 28 अमेरिकी उत्पादों पर टैक्स बढ़ा दिया है।
लाइटहाइजर ने बुधवार को कहा था, ‘हमने भारत को लेकर चिंता में काफी समय खर्च कर दिया है। भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था है और यह आगे और बड़ी होगी। यह अमेरिका के किसानों और कंपनियों के लिए एक बड़ा अवसर है। यह कहने के बावजूद हमारी उनके साथ काफी समस्याएं हैं। हाल के महीनों में हमने यह मुद्दा उनके साथ उठाया है।’
उनका यह बयान अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो की भारत यात्रा से पहले आया है। पॉम्पियो 25 से 27 जून तक भारत की यात्रा पर होंगे। लाइटहाइजर ने अमेरिकी संसद में कहा कि ट्रंप प्रशासन ने पिछले कुछ महीने के दौरान जीएसपी की समीक्षा की है। उसके बाद राष्ट्रपति ने जीएसपी को वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘हम इन मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं कर सके हैं। कई महीनों तक इसका प्रयास किया गया, लेकिन कोई प्रगति नहीं हुई।’