पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर प्रवर्तन निदेशालय ने कसा शिकंजा

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मुंबई |

मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध वसूली के मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुसीबत बढ़ती जा रही है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब प्रवर्तन निदेशालय ने भी अनिल देशमुख के खिलाफ शिकंजा कसते हुए शुक्रवार को कई स्थानों पर छापे मारे। शुरूआती जांच में पता चला है के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को 10 बार मालिकों ने तीन महीनों में 4 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। सुराग मिलने पर ईडी के अधिकारियों ने एनसीपी नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में नागपुर में चार स्थानों पर तलाशी की और महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए।

इस मामले में ईडी के अधिकारी अनिल देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे और निजी सचिव संजीव पलांडे के परिसरों की भी तलाशी ले रहे हैं। अनिल देशमुख को बार मालिकों द्वारा कथित नकद भुगतान पर ईडी ने यह कार्रवाई की है। मनी लॉन्ड्रिंग रोधी एजेंसी ने इस मामले में 10 से अधिक बार मालिकों के बयान दर्ज किए हैं।

मई में ईडी ने दर्ज किया था केस

गौरतलब है कि ईडी ने अनिल देशमुख के खिलाफ इस साल मई महीने में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया था। इससे पहले ईडी ने गुरुवार को डीसीपी राजू भुजबल का बयान दर्ज किया था। अप्रैल में सीबीआई ने इस मामले में देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनके 4 परिसरों पर छापेमारी की थी।

परमबीर सिंह की चिट्ठी में उठा मामला

गौरतलब है कि पुलिस अधिकारी सचिन वाझे केस में इसी साल मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के कई सनसनीखेज आरोप लगाए थे। आरोपों के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने बर्खास्त सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे और अन्य पुलिसकर्मियों को बार मालिकों से 100 करोड़ रुपए का टारगेट दिया था।

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