मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से कहा कि वह आभूषण निर्यातकों और घरेलू स्वर्ण आभूषण विनिर्माताओं को स्वर्ण कर्ज (जीएमएल) का कुछ हिस्सा सोने के रूप में लौटाने का विकल्प उपलब्ध करायें। जीएमएल का भुगतान भारतीय रुपये में उधार लिये गए सोने के मूल्य के बराबर राशि पर किया जाता है। रिजर्व बैंक ने अब इन नियमों की समीक्षा की है।रिजर्व बैंक के सर्कुलर के मुताबिक बैंकों को स्वर्ण कर्ज का कुछ हिस्सा एक किलो अथवा इससे अधिक सोने के रूप में लौटाने का विकल्प लेनदारों को देना चाहिए। हालांकि, इसमें कुछ शर्तें होंगी। मौजूदा निर्देशों के मुताबिक सोने का आयात करने के लिये प्राधिकृत बैंक और स्वर्ण मौद्रीकरण योजना 2015 (जीएमएस) में भागीदारी करने वाले प्राधिकृत बैंक आभूषण निर्यातकों और स्वर्णाभूषणों के घरेलू विनिर्माताओं को जीएमएल उपलब्ध करा सकते हैं।
सोने की 40 सुरंगें, इतना गोल्ड कि मत पूछो… इनके हाथ लगा कुबेर का खजाना
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