नई दिल्ली ।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन तीसरे चरण में 77.8 फीसद प्रभावी पाई गई है। कंपनी ने पिछले हफ्ते ही ट्रायल का डेटा ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को सौंपा था। जिस पर मंगलवार को सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की अहम मीटिंग हुई। इसमें वैक्सीन के फेज 3 के ट्रायल के डेटा को मंजूरी दे दी गई। भारत बायोटेक की तरफ से केंद्र सरकार की कमेटी को यह रिपोर्ट सौंपी गई है। तीसरे चरण का डेटा मिलने के बाद सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने मंगलवार को मीटिंग की थी। इसमें कोवैक्सीन की तरफ से यह जानकारी सौंपी गई।
25,800 लोगों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया था। इसमें ये देखा गया कि कोरोना के खिलाफ यह वैक्सीन कितना प्रभाव करती है। एसइसी की मंजूरी के बाद इस डेटा को अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) में भी सब्मिट किया जा सकेगा।
अस्पताल में भर्ती होने की संभावनाओं में 100 फीसद की कमी
डेटा में संक्रमण के मामले में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना में 100 फीसद की कमी देखी गई है। बता दें कि कोवैक्सिन को भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर बनाया है। इसके साथ ही भारत बायोटेक का PANACEA BIOTECH, HESTER BIO और JUBILANT PHARNOVE के साथ करार है।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का डेटा अभी तक पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त, पीयर-रिव्यू जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है। भारत बायोटेक ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि दवा नियामक को प्रस्तुत करने के बाद और लगभग तीन महीने की समय सीमा के भीतर इस डेटा का प्रकाशन होगा।
जुलाई से सितंबर के बीच कोवैक्सीन को डब्ल्यूएचओ से मिल सकती है मंजूरी
माना जा रहा है कि कोवैक्सिन को जुलाई से सितंबर के बीच डब्ल्यूएचओ से आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी मिल सकती है। कंपनी ने बताया कि 60 देशों में कोवैक्सिन के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल्स की प्रॉसेस चल रहा है। इनमें कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका और ब्राजील भी शामिल हैं। अप्रूवल के लिए डब्ल्यूएचओ -जिनेवा में भी एप्लीकेशन दे दिया गया है।