नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर लोक सभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुट गए हैं. हालांकि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ बैठक के बाद उन्होंने कहा कि नहीं लगता थर्ड या फोर्थ फ्रंट बीजेपी को चुनौती दे पाएगा.
10 दिनों में 2 बार शरद पवार-प्रशांत किशोर की मुलाकात
2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे (Third Front) की अटकलों के बीच शरद पवार और प्रशांत किशोर की पिछले 10 दिनों में 2 बार मुलाकात हो चुकी है. प्रशांत किशोर ने 11 जून को शरद पवार से उनके मुंबई आवास पर मुलाकात की थी. इस दौरान दोनों ने साथ में लंच किया था और करीब 3 घंटे लंबी बातचीत चली थी. इसके बाद सोमवार (21 जून) को प्रशांत किशोर दिल्ली में शरद पवार के घर पहुंच थे.
नहीं लगता तीसरा या चौथा मोर्चा बीजेपी को चुनौती दे सकेगा: प्रशांत किशोर
शरद पवार से मुलाकात के बाद प्रशांत किशोर ने से बात करते हुए तीसरे या चौथे फ्रंट द्वारा बीजेपी को हराने की संभावना को खारिज कर दिया और कहा कि नहीं लगता कि तीसरा या चौथा मोर्चा बीजेपी को चुनौती दे सकेगा. उन्होंने आगे कहा कि तीसरा मोर्चा ‘जांचा-परखा’ हुआ है और यह मौजूदा राजनातिक परिदृश्य में फिट नहीं बैठता.
आज शरद पवार के घर पर होगी राष्ट्र मंच की बैठक
मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ बने राष्ट्र मंच की बैठक आज (मंगलवार) दिल्ली में शरद पवार के घर पर शाम 4 बजे होगी. राष्ट्र मंच की बैठक में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार पहली बार शामिल होंगे और उनके घर पर बैठक से राष्ट्र मंच के फैसलों और गतिविधियां महत्वपूर्ण हो जाती हैं. बैठक में यशवंत सिन्हा और शरद पवार के अलावा आम आदमी पार्टी से संजय सिंह, पवन वर्मा समेत कुछ और नेताओं के आने की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्र मंच की बैठक में कांग्रेस नेता शामिल नहीं होंगे, क्योंकि इस बैठक को तीसरे मोर्चे की कवायद माना जा रहा है.
प्रशांत किशोर ने थर्ड फ्रंट की अटकलों को किया खारिज
हालांकि प्रशांत किशोर ने अगले लोक सभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों के एकसाथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ने और थर्ड फ्रंट की अटकलों को खारिज कर दिया है. वहीं शरद पवार से मुलाकात पर प्रशांत किशोर ने कहा कि दोनों लोग एक-दूसरे को बेहतर से जानने के लिए मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुलाकातों के दौरान दोनों ने गहन राजनीतिक चर्चा की, जैसे हर राज्य में बीजेपी के खिलाफ लड़ने की संभावनओं पर बात करना, लेकिन बातचीत में तीसरा मोर्चा शामिल नहीं है.