बरेली. कोरोना काल में देशभर में लॉकडाउन लगाया गया. इस दौरान करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई. कई जगहों से मार्मिक खबरें सामने आई और आ रही है. एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. जिसको सुनकर हर किसी की आंखे नम हो जाएगी. एक व्यक्ति की नौकरी तालाबंदी ने छीन ली. आर्थिक तंगी के चलते पत्नी ने भी साथ छोड़ दिया. बेरोजगार आदमी अपना और अपने मासूम बच्चों के पेट भरने के लिए नौकरी की तलाश में भटकता रहा, लेकिन कहीं नौकरी नहीं मिली. आखिर में थक-हारकर उन्होंने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली. उनके बच्चों को लग रहा था कि उनके पापा खड़े है और उनसे बात भी नहीं कर रहे है. भूखे बच्चे तीन दिनों तक पापा को खाना देने के लिए जिद करते रहे. रोते-बिलखते रहे ‘पापा खाना दो.. पापा खाना दो…’ लेकिन जब बच्चों ने पड़ोसी को पापा की बात न करने और खाना नहीं देने की बात बताई तो इस घटना का पता चला.
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक पिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. पिता फांसी पर लटका रहा और तीन दिनों तक उसके भूखे मासूम खाना मांगते रहे. 32 साल का मनोज दयाल नोएडा में नौकरी करता था. लॉकडाउन के बाद उसकी नौकरी चली गई. घर में आर्थिक तंगी के चलते पति-पत्नी के बीच झगड़े होने लगे. एक दिन दोनों के बीच झगड़ा ज्यादा हुई और पत्नी पिछले गुरुवार को नाराज होकर मायके चली गई. तब से वह मायके में ही रही थी. उनके छह साल का बेटा और चार साल की बेटी पिता के पास ही थे.
पुलिस के अनुसार दयाल ने संभवत: तीन दिन पहले आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि उसका शरीर सड़ रहा था. लोगों ने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया. बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रोहित सिंह सजवान ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मनोज की मौत फांसी लगाने के कारण ही बताई गई है.