नई दिल्ली ।
भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने लद्दाख के समीपवर्ती अपने कब्जे वाले इलाके में स्टील्थ बॉम्बर जेट एच-20 की क्षमताओं को परखा है। बताया गया है कि वह अपने शियान एच-20 लड़ाकू विमान के अंतिम परीक्षण की प्रक्रिया पूरी कर रहा है। चीन यह परीक्षण होतान एयरबेस से कर रहा है। स्टील्थ जेट वह होता है जो रडार की पकड़ में आए बगैर दुश्मन के इलाके में जाकर बमबारी कर सकता है।
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार भारतीय वायुसेना में फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू विमानों के शामिल होने के बाद चीन ने एच-20 विमान की परीक्षण प्रक्रिया को तेज किया है। यह परीक्षण प्रक्रिया आठ जून से चालू है और 22 जून को पूरी होगी। 22 जून को ही चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना के 100 साल पूरे हो रहे हैं। संभवत: उस दिन बड़ी घोषणा के रूप में चीन स्टील्थ लड़ाकू विमान अपनी वायुसेना में शामिल किए जाने की औपचारिक जानकारी दे सकता है।
एच-20 विमान कई क्षमताओं से लैस लड़ाकू विमान है। यह लंबी दूरी तक जाकर कार्रवाई कर सकता है। साथ ही ज्यादा वजन भी ले जाने में सक्षम है। यह दुश्मन के रडार को चकमा देकर जा और आ सकता है। चीन ने अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि उसका यह नवनिर्मित लड़ाकू विमान परमाणु हथियार से हमला करने में सक्षम है या नहीं। अमेरिका के सभी अत्याधुनिक बॉम्बर परमाणु हमला करने में भी सक्षम हैं।