जालन्धर : टोक्यो 2020 ओलिम्पिक खेलों के लिए भारतीय ओलिम्पिक संघ ने भारतीय दल के लिए खेल किट रिलीज की है। केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू के आवास पर आयोजित समारोह में ओलिम्पिक के लिए जाने वाले एथलीट बजरंग पुनिया, रवि कुमार, दीपक पुनिया, सुमित, सीमा बिस्ला और नीरज चोपड़ा यह किट पहने नजर आए। भारतीय ओलिम्पिक संघ के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र ध्रुव बत्रा ने उन सभी एथलीटों को बधाई दी जिन्होंने टोक्यो ओलिम्पिक खेलों में जगह बनाई है। डॉ. बत्रा ने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय एथलीट देश को गौरवान्वित करेंगे और टोक्यो ओलिम्पिक खेलों में तिरंगा फहराएंगे।
इसी तरह महासचिव राजीव मेहता ने कहा कि भारतीय टीम के लिए स्पोट्र्स किट का अनावरण भारतीय ओलंपिक संघ के पहले दूरदर्शी अध्यक्ष सर दोराबजी टाटा के स्मरण दिवस के साथ मेल खाता है, जो संगठन और टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बता दें कि टोक्यो ओलिम्पिक 23 जुलाई से 8 अगस्त से तक होंगे। इसमें 100भ्भारतीय एथलीट्स अब तक क्वालिफाई कर चुके हैं।
- 23 जुलाई से शुरू होने हैं ओलिम्पिक गेम्स, 100 भारतीय खिलाड़ी हुए क्वालिफाई
- भारतीय एथलीट्स, कोच, स्टाफ सदस्यों और विभिन्न सेरेमनी के लिए भी जर्सी रिलीज की गई है।
- रेमंड औपचारिक किट वितरित करेगा और आधिकारिक खेल परिधान भागीदार ली-निंग टोक्यो जाने वाले एथलीटों के लिए यात्रा और खेल किट सहित खेल पोशाक की आपूर्ति करेगा।
- जर्सी पर राष्ट्रीय रंगों के कारण भारतीय ओलिम्पिक टीम की ऊर्जा और गौरव झलकती है। आधिकारिक किट के डिजाइन भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा डिजाइनर इदित्री गोयल की मदद और समर्थन से तैयार किए गए हैं।
अब हर सैकेंड मायने रखता है : किरेन रिजिजू
केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अब हर दिन, हर सैकेंड मायने रखता है। भारतीय ओलिम्पिक टीम की आधिकारिक किट का अनावरण एक महत्वपूर्ण पहलू है। मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि हमारे एथलीट सबसे बड़े खेल आयोजन के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। मैं हर भारतीय से भारतीय टीम को प्रोत्साहित करने का आग्रह करता हूं।
11 खेलों में भारत क्वालिफाई
भारत टोक्यो ओलिम्पिक खेलों के लिए एक मजबूत दल भेजेगा और अब तक मुक्केबाजी, हॉकी, कुश्ती, नौकायन, एथलैटिक्स, तीरंदाजी, घुड़सवारी, तलवारबाजी, नौकायन, निशानेबाजी और टैबल टेनिस सहित 11 खेलों में भारतीय एथलीटों ने क्वालीफाई किया है। आने वाले दिनों में और अधिक खेलों में भारतीय एथलीटों क्वालीफाई हो सकते हैं।
…और इधर 4 देशों में किट पर खींचतान जारी
जिस दिन भारतीय जर्सी रिलीज हुई। उसी दिन जापान में एक भव्य समारोह के दौरान थीम म्यूजिक, खिलाडिय़ों को मैडल के वक्त पहनाई जाने वाली पोशाकें और पोडियम डिजाइन आदि को रिलीज किया गया था। बता दें कि ओलिम्पिक की जर्सी को लेकर हर साल कई देशों में विवाद होता रहा है। इस बार भी अमरीका और कैनेडा के लोग अपने खिलाडिय़ों के लिए बनाई गई जर्सी से खुश नहीं थे। आइए जानते हैं कहां-कहां विरोध है।
रशिया है बैन, लेकिन जर्सी पर छपा झंडा
डोपिंग संबंधी नियमों की अवहेलना करने के चलते रशिया इस बार ओलि िपक से बाहर हैं। रशिया के एथलीट जरूर गेम्स में हिस्सा ले सकेंगे लेकिन वह रशिया का झंडा, बैनर इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। प्लेयर्स आर.ओ.सी. यानी रशियन ओलि िपक कमेटी की ओर से खेलेंगे। वहीं, आर.ओ.सी. ने भी राष्ट्रीय भावनाओं को देखते हुए जो जर्सी तैयार की है उसपर रशिया के झंडे के रंग उकेरे गए हैं। कमेटी के प्रैसिडैंट स्टानिस्लाव पॉज्न्याकोव ने कहा कि अब प्लेयर्स को वास्तव में एक मजबूत कल्पना की आवश्यकता नहीं होगी। रशिया उनके साथ ही है। आई.ओ.सी. ने जर्सी को मान्यता दी है। उनका कहना है कि जर्सी पर नीले-लाल रंग का डिजाइन है। इसपर आर.ओ.सी. लिखा है। ऐसे में कोई नियम नहीं टूटा है।
कनाडा को जैकेट पसंद नहीं आई
कनाडा के लोगों को लगता है कि ओलिम्पिक जर्सी 90 के दशक के गैंग्स की ओर से पहनी जाने वाली जैकेट की तरह है। डिजाइनर कंपनी हडसन बे का कहना है कि हमने कनाडा के युवाओं को ऊर्जावान दिखाया है।
दक्षिण अफ्रीका के ‘जूते चर्चा में’
वेल्डस्कोन कंपनी द्वारा दक्षिण अफ्रीकी प्लेयर्स के बनाए गए ऑन-ऑफ शूज भी अपने डिजाइन के कारण विवाद में आए। माना गया कि जूतों के सोल पर लगा रंग वैसा ही है जोकि देश के झंडे में है। हालांकि वेल्डस्कोन के सी.ई.ओ. निक ड्रेयर का कहना है कि रंग इस्तेमाल करने का मकसद सिर्फ यह है कि खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका से है, आसानी से पहचाना जाए।
अमरीका भी झेल चुका विरोध
अमरीका फैंस इसे 80 के दशक की फिल्मों के हीरो की जर्सी बता रहे हैं। कुछेक इसे यॉट रेसिंग में इस्तेमाल होने वाली जर्सी बता रहे हैं। अमरीका इसको लेकर स्तंब्ध है लेकिन इस जर्सी को बदला नहीं गया है।
…इधर ऑस्ट्रेलिया ने पहली महिला स्विमर के लिए जारी की जर्सी
ऑस्टेलिया ने भी ओलि िपक की जर्सी लॉन्च कर दी है। इसे सिडनी में बने पूल के पास रिलीज किया गया। 1907 में यह पूल मीना वाइली के पिता ने बनाया था, जिनकी बेटी ने 1912 के ओलि िपक गे स में देश के लिए स्विमिंग स्पर्धा में पहला सिल्वर लाने वाली महिला बनी थी। नई जर्सी को लेकर एथलीट्स भी काफी खुश दिखे।