मुंबई ।
महाराष्ट्र विधानसभा के सचिवालय में रविवार को बम की सूचना से हड़कंप मच गया। इधर, सूचना मिलते ही बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड चेकिंग करने पहुंचा है। मुंबई पुलिस के मुताबिक, शुरुआती जांच में यह सूचना फर्जी प्रतीत होती है। आगे की जांच की जा रही है। इस बीच, सचिवालय की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सचिवालय के चप्पे-चप्पे की जांच की जा रही है। अभी तक बम या अन्य कोई विस्फोटक सामग्री नहीं बरामद हुई है। गौरतलब है कि इससे पहले इसी साल उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के निकट कार में विस्फोट मिलने की घटना सामने आई थी। इस मामले में अब तक कई गिरफ्तारी हो चुकी हैं। यह मामला काफी समय तक सुर्खियों में रहा था।
बम की सूचना आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष को मिली थी। इसके बाद मुंबई पुलिस के साथ-साथ कई अन्य जांच दल सक्रिय हो गए। इस मामले के हर पहलू की जांच की जा रही है।
मुंबई में पहले भी कई बार बम ब्लास्ट की कई वारदातें हो चुकी हैं, जिनमें कई लोगों की जान भी जा चुकी है।इधर, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को थोड़ी मोहलत देते हुए महाराष्ट्र सरकार ने बांबे हाई कोर्ट को आश्वस्त किया कि उनको नौ जून तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। उनको अपने खिलाफ दर्ज मामले में सहयोग करना होगा। सोमवार को राज्य सरकार के वकील दारियस खंबाटा ने न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष यह आश्वासन दिया कि यदि सिंह अपने खिलाफ एससी/एसटी कानून के तहत दर्ज मामले की जांच में सहयोग करते हैं, तो उन्हें नौ जून तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। यह पीठ पुलिस निरीक्षक भीमराव घडगे की शिकायत पर सिंह के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है। खंबाटा ने कहा कि सिंह को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका को लेकर किसी राहत का अनुरोध नहीं करना चाहिए।