असम में लगातार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं। रविवार को एक बार भी असम के सोनितपुर में भूकंप के झटकों से धरती हिलने लगी। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई है और भूकंप का केंद्र तेजपुर से 40 किलोमीटर पश्चिम में था। भारतीय समय के मुताबिक भूकंप दोपहर 2:23 PM बजे सतह से 16 किलोमीटर की गहराई में आया। अभी तक भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। आपो बता दें कि मई के महीने में असम में ये चौथी बार है, जब भूकंप के झटके महसूस किये गये हैं।
इससे पहले कब आया भूकंप?
असम के तेजपुर में ही 19 मई को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.8 रही थी।
असम में 7 मई को भी भूकंप आया था। तब इसका केंद्र मोरिगांव में था। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.8 मापी गई थी।
सोनितपुर जिले में 5 मई को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नैशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक तब रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई थी।
इससे पहले 28 अप्रैल को असम के गुवाहाटी समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भूकंप के तगड़े झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता 6.4 आंकी गई थी।
क्यूं आ रहे हैं भूकंप?
भूगर्भशास्त्रियों के मुताबिक पूरा हिमालय की तराई का क्षेत्र फॉल्ट लाइन यानी भूकंप-संभावित क्षेत्र है। इसकी वजह ये है कि इंडियन प्लेट, तिब्बत प्लेट में टक्कर मार रहा है और उसके नीचे घुसता रहा है। इसी वजह से हिमालय की ऊंचाई भी बढ़ती जा रही है। जब तक ये टेक्टॉनिक प्लेट्स स्थिर नहीं होते, भूकंप की संभावना बनी रही है। दरअसल, धरती के सतह पर 7 ऐसी प्लेट्स हैं, जो लगातार स्थान बदल रही हैं। ये प्लेट्स जिन जगहों पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन जोन कहा जाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स टूटने लगती हैं और इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
वैसे अभी ये भूकंप हल्के किस्म के हैं और इससे ज्यादा नुकसान नहीं है। आम तौर पर रिक्टर स्केल पर 7.0 या उससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप को खतरनाक माना जाता है। लेकिन घनी आबादी वाले इलाकों में 4.5 की तीव्रता का भूकंप घरों को क्षतिग्रस्त कर सकता है।