हिन्दू कैलेंडर का तीसरा माह ज्येष्ठ का प्रारंभ हो गया है, जो 25 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा तक रहेगा। ज्येष्ठ मास में जल का अत्यधिक महत्व होता है क्योंकि इस माह में सूर्य की तपिश ज्यादा होती है। ज्येष्ठ को जेठ माह भी कहते हैं। हर माह की तरह इसमें भी दो एकादशी, दो प्रदोष व्रत, दो चतुर्थी, एक मासिक शिवरात्रि, अमवास्या, पूर्णिमा, मासिक दुर्गा अष्टमी जैसे व्रत एवं त्योहार आएंगे। इस माह में एक सोम प्रदोष व्रत और एक भौम प्रदोष व्रत पड़ेगा। इसके अलावा रोहिणी व्रत, वट सावित्री व्रत, महाराणा प्रताप जयंती, नारद जयंती , पितृ दिवस, गंगा दशहरा भी इस मास में आने वाला है। न्याय के देवता शनि देव का जन्म दिवस भी ज्येष्ठ मास में ही आता है। शनि देव का जन्मोत्सव या शनि जयंती शनि ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस मास में ही वर्ष 2021 का पहला सूर्य ग्रहण भी पड़ने वाला है, जो विदेश में देखा जा सकेगा। ज्येष्ठ मास में ही गायत्री जयंती भी है। ये सभी व्रत एवं त्योहार ज्येष्ठ मास में किस तारीख को पड़ेंगे, ताकि आप उसके लिए पहले से ही तैयारी कर लें।
ज्येष्ठ मास के व्रत एवं त्योहार
29 मई: संकष्टी चतुर्थी,31 मई: रानी अहिल्याबाई जयंती,03 जून: नवतपा समाप्त,06 जून: अपरा एकादशी,07 जून: सोम प्रदोष व्रत,08 जून: मासिक शिवरात्रि,10 जून: रोहिणी व्रत, वट सावित्री व्रत, अमावस्या, शनि जयंती, सूर्य ग्रहण,13 जून: महाराणा प्रताप जयंती, रंभ तीज,14 जून: विनायक चतुर्थी, गुरु अर्जुनदेव पुण्यतिथि,15 जून: मिथुन संक्रांति, इस दिन सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेगा।,18 जनू: झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का बलिदान, मां धूमावती जयंती,19 जून: महेश नवमी,20 जून: पितृ दिवस, गंगा दशहरा, गायत्री जयंती,21 जून: निर्जला एकादशी, अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, संगीत दिवस,22 जून: भौम प्रदोष, बड़ा महादेव पूजन,24 जून: ज्येष्ठ पूर्णिमा, संत कबीर जयंती, रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस।