देश में कोरोना से निपटने के लिए वैक्सीन लगना शुरू हो गई है। इस महामारी की दूसरी लहर में मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिविर दवा की मारामारी हो गई हैं। यहां तक की लोगों ने अपने परिजनों को बचाने इसके लिए लाखों रुपए तक दिए। अब इस जानलेवा वायरस के साथ ब्लैक फंगस का कहर भी टूट पड़ा है। केंद्र सरकार इससे निपटने के लिए जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यूकरमाइकोसिस की दवा का इंतजाम करने का जिम्मे अपने ऊपर लिया है।
पीएम मोदी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया है कि दुनिया में दवा जहां भी मिले, उसे भारत लाया जाए। बता दें ब्लैक फंगस के इलाज में लिपोसोमल एंफोटेरेसिरिन बी नाम के इंजेक्शन मरीजों को लगाया जाता है। केंद्र सरकार ने पांच कंपनियों को इसे बनाने का लाइसेंस दिया है। वहीं अमेरिका की गलियड साइंसेज कंपनी मदद के लिए आगे आई है। अब ये कंपनी एंफोटेरेसिरिन बी भारत को उपलब्ध करा रही है। अब तक 121,000 शीशियां भेजी गई हैं। यूएस कंपनी कुल 10 लाख खुराक भारत को देगी।
बता दें देश में ब्लैक फंगस के अबतक 11 हजार 717 केस सामने आ चुके हैं। इधर हरियाणा में 143 ऐसे मरीज सामने आए हैं। जिन्हें शुगर और कोविड के कोई लक्षण नहीं था। राज्य में 413 केस पर किए गए अध्ययन किया गया। जिसमें पता चला कि 64 रोगी ऐसे थे, जिन्हें कोरोना वायरस नहीं हुआ था। वहीं 79 ऐसे मरीजों को डायबिटीज नहीं था।