इंदौर : आयुष्मान योजना का लाभ पात्र हितग्राही को नहीं देना एक निजी अस्पताल को महंगा पड़ा। कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर उक्त अस्पताल को लाइसेंस निरस्त करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा आयुष्मान कार्ड धारी को रुपए 5 लाख तक का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों को दिए गए थे।इन निर्देशों की अनदेखी करने पर पल्स हॉस्पिटल माणिक बाग रोड को पंजीयन निरस्ती का नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही पल्स हॉस्पिटल पर शासन के निर्देशानुसार नियुक्त प्रभारी अधिकारी पीके पंडित सहायक प्रबंधक एमपीआईडीसी क्षेत्रीय कार्यालय इंदौर को आयुष्मान योजना का लाभ आयुष्मान कार्ड धारी को नहीं दिलाने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बता दें कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राऊ जिला इंदौर द्वारा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उल्लेख किया गया कि प्रकाश जैन को कोविड-19 कोरोना संक्रमण के उपचार हेतु पल्स हॉस्पिटल माणिक बाग रोड में भर्ती किए जाने पर आयुष्मान कार्ड योजना के तहत इलाज नहीं किया गया। पल्स हॉस्पिटल प्रबंधन ने डिस्चार्ज सर्टिफिकेट ना देते हुए मरीज को अस्पताल से बाहर कर दिया। प्रकाश जैन को बाद में मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। जबकि मुख्यमंत्री कोविड-19 योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारी व्यक्तियों एवं उनके परिवार के सभी सदस्यों का इलाज सुनिश्चित करने संबंधी आदेश पूर्व में ही जारी कर दिया गया था।
प्रकाश जैन के पुत्र विकास जैन द्वारा इस बारे में सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। जांच में पाया गया कि 10 मई को शासन द्वारा आयुष्मान भारत निरामय योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड धारी के निशुल्क उपचार के संबंध में आदेश जारी किए गए थे उक्त आदेश के परिपालन में पल्स हॉस्पिटल द्वारा उपरोक्त योजना का लाभ विकास जैन के पिता प्रकाश जैन एवं अन्य किसी भी पात्र मरीज को नहीं दिया गया।
उपरोक्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर मनीष सिंह एवं निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के निर्देशानुसार स्कीम नंबर 102 माणिकबाग ब्रिज के पास पल्स हॉस्पिटल के विरुद्ध कोविड-19 में घोर लापरवाही करने पर हॉस्पिटल पंजीयन निरस्त करने संबंधी नोटिस जारी किया गया।